ज़िन्दा हूँ यार-लुटेरा २०१३
हमने खूब सुना-जिंदा हूँ इस तरह के गम-ए-जिंदगी. ये
सन १९४८ की आग फिल्म से है. उसके बाद जिंदा शब्द
को लोकप्रिय कराया शाहरुख खान की फिल्म जोश के
एक गाने ने.
सुनते हैं अमिताभ भट्टाचार्य लिखित और अमित त्रिवेदी
द्वारा संगीतबद्ध गीत लुटेरा फिल्म से. इसे अमित त्रिवेदी
ने स्वयं गाया है.
गीत के बोल:
मुझे छोड़ दो मेरे हाल पे
मुझे छोड़ दो मेरे हाल पे
जिंदा हूँ यार काफी है
जिंदा हूँ यार काफी है
मुझे छोड़ दो मेरे हाल पे
मुझे छोड़ दो मेरे हाल पे
जिंदा हूँ यार काफी है
जिंदा हूँ यार काफी है
हवाओं से जो माँगा हिस्सा मेरा
तो बदले में हवा ने सांस दी
अकेलेपन से छेड़ी जब गुफ्तगू
मेरे दिल ने आवाज़ दी
मेरे हाथों हुआ जो किस्सा शुरू
उसे पूरा तो करना है मुझे
कब्र पर मेरे सर उठा के खड़ी हो ज़िन्दगी
ऐसे मरना है मुझे
कुछ माँगना बाक़ी नहीं
कुछ माँगना बाक़ी नहीं
जितना मिला काफी है
जिंदा हूँ यार काफी है
मुझे छोड़ दो
मुझे छोड़ दो
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Zinda hoon yaar-Lutera 2013
Artists: Ranveer Singh
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