आग का दरिया-इसक २०१३
हुआ. अंग्रेजी के हिसाब से बोलें तो इसका नाम इसाक सुनाई
देता है.
नीलेश मिश्रा का लिखा हुआ गीत है जिसकी धुन तैयार की है
सचिन जिगर की जोड़ी ने.
गीत के बोल:
आ आ आ आ आ आ आ आ
ज़र्रा ज़र्रा जले
ज़र्रा ज़र्रा फुंके
असलहे असलहे
रोम रोम तपे
वो तीर सी चुभती
खून की बारी
जंग का ये सिलसिला
जन्म से जारी
मेरे जिस्म में
जैसे रूह है जागी
मुझमे ही जैसे
कोई हो गया है बागी
परिंदे को उड़ना है
सब साधें निशाना हैं
ये आग का दरिया है डूब के जाना
ये आग का दरिया है डूब के जाना है
ओओ ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
तेरे रूप रंग में खन खन है
और बतियन में रस मंथन है
तेरे रूप रंग में खन खन है
और बतियन में रस मंथन है
तू भरम है या एहसास मेरा
मसथे होंठों की छन छन है
गहरे गहरे में हो
तू लाख पहरों में
होगा जो हो तुझे पाना है
ये आग का दरिया है डूब के जाना है
ये आग का दरिया है डूब के जाना है
रंग से तेरे जुदा हो के
बेरंग ही मुझको रहना है
रंग से तेरे जुदा हो के
बेरंग ही मुझको रहना है
पल पल पलछिन मन वारे
कहे के कुछ ना कहना है
टुकड़ों टुकड़ों में
जी मैं रहा
अब पूरा ना हो
पाऊँगा मैं यहाँ
ज़र्रे को बाज़ी हाँ तूफ़ान से लगाना है
ये आग का दरिया है डूब के जाना है
ये आग का दरिया है डूब के जाना है
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Aag ja dariya-Isaaq 2013
Artists: Prateek Babbar
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