मेरे खयालों में आ के-गुनाह १९५३
मेरे ख्याल, ख्यालों इत्यादि से शुरू होते हैं. इनमें से एक है
सन १९५३ की फिल्म गुनाह से तलत महमूद का गाया हुआ
गीत.
प्रेम धवन इसके रचनाकार हैं और पंडित गोविन्दराम ने इसका
संगीत तैयार किया है.
गीत के बोल:
मेरे खयालों में आ के गले लगा जा मुझे
गले लगा जा मुझे
के आज फिर मेरा जी चाहता है रोने को
के आज फिर मेरा जी चाहता है रोने को
के आज फिर मेरा जी चाहता है रोने को
नमक छिड़कते हैं ले ले मज़ा वही आँसू
हाय रे वही आँसू
नमक छिड़कते हैं ले ले मज़ा वही आँसू
हाय रे वही आँसू
जो तेरे दर पे मिले दिल के ज़ख्म धोने को
जो तेरे दर पे मिले दिल के ज़ख्म धोने को
के आज फिर मेरा जी चाहता है रोने को
थका हुआ है मुसाफ़िर सवाल है दाता
सवाल है दाता
थका हुआ है मुसाफ़िर सवाल है दाता
सवाल है दाता
कफ़न दिला मुझे मुँह ढाँपने को सोने को
कफ़न दिला मुझे मुँह ढाँपने को सोने को
के आज फिर मेरा जी चाहता है रोने को
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Mere khayalon mein aa ke-Gunah 1953
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