तुम आये तो….और क्या-फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी २०००
९० के दशक में देखीं. इनमें से मेरे हिसाब से यस बॉस सबसे ज्यादा
चली. सबसे कम चलने वाली फिल्म है-फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी.
फिल्म का कथानक ठीक है, गाने भी ठीक हैं और कलाकारों का
अभिनय भी अपने अपने हिसाब से दुरुस्त है मगर कुछ कमी कहीं
रह गयी जिस वजह से ये फिल्म चल ना पाई.
फिल्म से एक लोकप्रिय गीत सुनते हैं अभिजीत और अलका याग्निक का
गाया हुआ जो जावेद अख्तर का लिखा हुआ है. जतिन ललित ने इस
गीत की धुन बनाई है.
गीत के बोल:
तुम आये तो हवाओं में इक नशा है
तुम आये तो फ़िज़ाओं में रंग सा है
ये रंग सारे हैं बस तुम्हारे
और क्या और क्या और क्या
और क्या और क्या और क्या
ए हे हे हा हा हा ए हे हे हा हा हा
तुम आये हो तो देख लो
नया-नया सा लगे ये जहाँ हो
हा हा हा हा हो हो
हसीं हसीं है ये ज़मीं
धुला धुला सा है ये आस्माँ
तुम हो तो है ये समाँ
और क्या और क्या और क्या
और क्या और क्या और क्या
धड़क रहा है दिल मेरा
झुकी झुकी हैं पलकें यहाँ हो
हा हा हा हा हो हो
जो दिल में हो वो कह भी दो
रुकी रुकी सी है ये दास्ताँ
जज़्बात माँगे ये ज़बाँ
और क्या और क्या और क्या
और क्या और क्या और क्या
तुम आये तो हवाओं में इक नशा है
तुम आये तो फ़िज़ाओं में रंग सा है
ये रंग सारे हैं बस तुम्हारे
और क्या और क्या और क्या
और क्या और क्या और क्या
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Tum aaye to…aur kya-Phir bhi dil hai hidustani 2000
Artists: Shah Rukh Khan, Juhi Chawla
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