जब मोहब्बत जवान होती है-जवान मोहब्बत १९७१
लिखा और शंकर जयकिशन का संगीतबद्ध गीत जिसे रफ़ी ने गाया
है.
फिल्म का शीर्षक गीत है ये और इसमें आप आशा पारेख को भी
देख सकते हैं. रात का सीन है और आम तौर पर फिल्मों में ऐसी
वेषभूषा अभिनेत्रियों को भूतिया दृश्यों में ही पहनाई जाती हैं.
गीत के बोल:
जब मोहब्बत जवान होती है
हर अदा इक जबान होती है
जब मोहब्बत जवान होती है
हर अदा इक जबान होती है
तुम जहाँ प्यार से क़दम रख दो
वो ज़मीं आसमान होती है
गुंचे-गुंचे में हँस रहे हो तुम
इन ख़्यालों में बस रहे हो तुम
यूँ मेरे दिल में बस रहे हो तुम
जैसे मुरली में तान होती है
जब मोहब्बत जवान होती है
हर अदा इक जबान होती है
तुम जहाँ प्यार से क़दम रख दो
वो ज़मीं आसमान होती है
कुछ कहो तो कहा नहीं जाता
दर्द दिल का सहा नहीं जाता
बिन तुम्हारे रहा नहीं जाता
हाय मुश्क़िल में जान होती है
जब मोहब्बत जवान होती है
हर अदा इक जबान होती है
तुम जहाँ प्यार से क़दम रख दो
वो ज़मीं आसमान होती है
हल्का हल्का सुरूर रहता है
दिल तो मस्ती में चूर रहता है
बात जो भी कही नहीं जाती
वो नज़र से बयान होती है
जब मोहब्बत जवान होती है
हर अदा इक जबान होती है
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Jab mohabbat jawan hoti hai-Jaan mohabbat 1971
Artists: Shammi Kapoor, Asha Parekh
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