मेरे जीवन के पथ पर छाई-अनजान १९४१
अनजान है.
अशोक कुमार और देविका रानी पर फिल्माया गया गीत दोनों
ने स्वयं गाया है. बोल प्रदीप के हैं और संगीत पन्नालाल घोष
का.
गीत के बोल:
मेरे जीवन के पथ पर छाई ये कौन
पूनम की चांदनी
कौन
पूनम की चांदनी
मेरे जीवन के पथ पर छाई ये कौन
पूनम की चांदनी
अरे
मधुर मधुर मन भाई
मधुर मधुर मन भाई
ये कौन
नहीं
मधुर मधुर मन भाई
पूनम की चांदनी
मेरे जीवन के पथ पर छाई ये कौन
पूनम की चांदनी
धीमे धीमे मेरी कुटि में
धीमे धीमे मेरी कुटि में
इठलाती हुई बलखाती हुई
इठलाती हुई बलखाती हुई
चुपचाप कहीं से आई
चुपचाप कहीं से आई
ये कौन
चुपचाप कहीं से आई
पूनम की चांदनी
मेरे जीवन के पथ पर छाई ये कौन
पूनम की चांदनी
कौन पारी ये स्वर्ग से उतरी
कौन पारी ये स्वर्ग से उतरी
बड़ी लाज भरी मेरे आसपास
खेलन लगी रस रंग रास
खेलन लगी रस रंग रास
पल पल ले कर अंगडाई
पल पल ले कर अंगडाई
ये कौन
पल पल ले कर अंगडाई
पूनम की चांदनी
मेरे जीवन के पथ पर छाई ये कौन
पूनम की चांदनी
तुम कौन
पूनम की चांदनी
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Mere jeevan ke path par chhayi-Anjaan 1941
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