देखो देखो हुज़ूर-अलीबाबा एंड ४० थीव्स १९५४
गीत. गधों के जिक्र वाले कुछ ही गीत बने हैं अभी तक. सबसे
मेहनतकश पशु को अभी तक अनदेखा किया जाता रहा उसके
पीछे वजह क्या हो सकती है-दो टांगों वाले गधे? वो बहुतायत
में हैं सभी उद्योगों में जो चमकती किस्मत के चलते प्रसिद्धि,
स्थान और सम्मान पा लेते हैं.
अंग्रेजियत शुरू से बॉलीवुड पर हावी रही. फिल्मों के हिंदी नामों
के अलावा उनके अंग्रेजी नाम भी हुआ करते थे. किसी को अगर
फिल्म का नाम या कहानी समझ ना आये तो वो अंग्रेजी नाम
से समझ जाए. ये सुविधा धीरे धीरे खत्म हो चली.
अलीबाबा और ४० चोर एक ऐतिहासिक कथानक है जिसके ऊपर
बॉलीवुड में एक और फिल्म बनी है ८० के दशक में जिसमें धर्मेन्द्र
और हेमा मालिनी प्रमुख कलाकार हैं. होमी वाडिया निर्देशित इस
१९५४ की फिल्म फिल्म अलीबाबा एंड ४० थीव्स से इस गाने को
रफ़ी और शमशाद बेगम गा रहे हैं. गीत राजा मेहँदी अली खान
का है और संगीत चित्रगुप्त का.
गीत के बोल:
गधों पर बैठ कर हम शहर के चक्कर लगाएँगे
हो ही इसी क़ाबिल
हमें तुमसे मुहब्बत है ये दुनिया को बताएँगे
आ हा हा हा
क़ुरबान जाऊँ तुम्हारे बताने पे
देखो-देखो हज़ूर ये हैं खट्टे अंगूर
अजी छोड़ो ये हाथ नहीं आएँगे
ओ मेरी जन्नत की हूर तू है अरबी खज़ूर
तेरे साए में ज़िन्दगी बिताएँगे
देखो-देखो हज़ूर ये हैं खट्टे अंगूर
अजी छोड़ो ये हाथ नहीं आएँगे
अच्छा लगे है मुझे ओ मेरी बुलबुल
गाना तेरा चहचहाना तेरा
अच्छा लगे न मुझे ओ पीछे-पीछे
आना तेरा बिलबिलाना तेरा
अच्छा लगे न मुझे ओ पीछे-पीछे
आना तेरा बिलबिलाना तेरा
तेरी आँखें बिल्लूर मीठे-मीठे अंगूर
इन्हें शरबत बना के पी जाएँगे
देखो-देखो हज़ूर ये हैं खट्टे अंगूर
अजी छोड़ो ये हाथ नहीं आएँगे
ओ मेरी जन्नत की हूर तू है अरबी खज़ूर
तेरे साए में ज़िन्दगी बिताएँगे
भूला नहीं है मुझे नज़रें झुका कर
आना तेरा मुस्कुराना तेरा
मुझको भी याद है पहला तमाचा
खाना तेरा भाग जाना तेरा
मुझको भी याद है पहला तमाचा
खाना तेरा भाग जाना तेरा
जो करेगी गरूर हम बन के लंगूर
तेरे कूचे में उधम मचाएँगे
देखो-देखो हज़ूर ये हैं खट्टे अंगूर
अजी छोड़ो ये हाथ नहीं आएँगे
ओ मेरी जन्नत की हूर तू है अरबी खज़ूर
तेरे साए में ज़िन्दगी बिताएँगे
देखो-देखो हज़ूर ये हैं खट्टे अंगूर
अजी छोड़ो ये हाथ नहीं आएँगे
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Gadhon par baith kar-Alibaba and 40 thieves 1954
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