न जाने क्यूँ हमारे दिल को-मोहब्बत जिंदगी है १९६६
में. ऐसा कुछ दार्शनिकों, कवियों और प्रेमियों मानना है. मोहब्बत
किसी से भी हो सकती है.
रफ़ी का गाया ये पॉपुलर गीत सुनते हैं सन १९६६ की फिल्म से
जिसका नाम है-मोहब्बत जिंदगी है. एस एच बिहारी के बोल हैं
और ओ पी नैयर का संगीत. प्रस्तुत गीत धर्मेन्द्र और राजश्री पर
फिल्माया गया है और गीत में थोड़ी सी रोमांटिक कुश्ती भी हो
रही है.
गीत के बोल:
न जाने क्यूँ
न जाने क्यूँ हमारे दिल को तुमने दिल नहीं समझा
ये शीशा तोड़ डाला
ये शीशा तोड़ डाला प्यार के काबिल नहीं समझा
न जाने क्यूँ
हमारा प्यार देखो और हमारा हौसला देखो
हमारा प्यार देखो और हमारा हौसला देखो
मोहब्बत का जुनून हमको कहाँ तक ले चला देखो
तुम्ही ने जान ले ली
तुम्ही ने जान ले ली और तुम्हे क़ातिल नहीं समझा
न जाने क्यूँ
न जाने क्यूँ हमारे दिल को तुमने दिल नहीं समझा
न जाने क्यूँ
तड़प दी भी तो ऐसी दी के मुश्किल हो गया जीना
चलाये तीर वो तुमने के छलनी हो गया सीना
और उस पर ये सितम है
और उस पर ये सितम है के हमे घायल नहीं समझा
न जाने क्यूँ
न जाने क्यूँ हमारे दिल को तुमने दिल नहीं समझा
न जाने क्यूँ
मोहब्बत का ये जादू एक दिन सर चढ़ के बोलेगा
मोहब्बत का ये जादू एक दिन सर चढ़ के बोलेगा
हर एक आँधी हर एक तूफान को दामन में ले लेगा
मोहब्बत ने किसी भी
मोहब्बत ने किसी भी काम को मुश्किल नहीं समझा
न जाने क्यूँ
न जाने क्यूँ हमारे दिल को तुमने दिल नहीं समझा
न जाने क्यूँ
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Na jaane kyon hamre dil ko-Mohabbat zindagi hai 1966
Artists: Dharmendra, Rajshri
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