गले लगा के जो सुनते थे-तलत गैर फ़िल्मी गीत
हैं जिसे शमीम जयपुरी ने लिखा है. संगीत तैयार किया
है युनुस मलिक ने.
गीत के बोल:
गले लगा के जो सुनते थे दिल की आहों को
गले लगा के जो सुनते थे दिल की आहों को
तरस रहा हूँ उन्हीं की हसीन बाहों को
गले लगा के जो सुनते थे
कदम कदम पे वो आँखें बिछा बिछा देना
कदम कदम पे वो आँखें बिछा बिछा देना
ज़रूर याद तो होगा तुम्हारी राहों को
गले लगा के जो सुनते थे
दुहाई है तेरी ऐ राहज़न तिहाई है
दुहाई है तेरी ऐ राहज़न चौहाई है
के आज लूट लिया राहबर ने राहों को
गले लगा के जो सुनते थे
मिले न फिर तेरे दामन में दाग़ उन के शमीम
मिले न फिर तेरे दामन में दाग़ उन के शमीम
शराब-ए-नाब से धोया है जिन गुनाहों को
गले लगा के जो सुनते थे दिल की आहों को
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Gale laga ke jo sunte the-Non film song
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