यहाँ बदला वफ़ा का बेवफ़ाई-जुगनू १९४७
अंग्रेजों की गुलामी से आज़ाद हुआ था.
ये एक दुर्लभ युगल गीत है. दुर्लभ इस वजह से कि रफ़ी और
नूरजहाँ का गाया युगल गीत है. पार्टीशन के बाद नूरजहाँ पडोसी
देश में चली गयीं और उसके बाद नूरजहाँ की आवाज़ में गाने
गवाने का देसी संगीत निर्देशकों का ख्वाब अधूरा रह गया.
प्रस्तुत गीत के बोल हैं तनवीर नकवी के और संगीत तैयार किया
है फ़िरोज़ निज़ामी ने. इस गीत को दिलीप कुमार और नूरजहाँ पर
फिल्माया गया है.
गीत के बोल:
यहाँ बदला वफ़ा का बेवफ़ाई के सिवा क्या है
मोहब्बत कर के भी देखा मोहब्बत में भी धोखा है
कभी सुख है कभी दुख है अभी क्या था अभी क्या है
यूँ ही दुनिया बदलती है इसी का नाम दुनिया है
कभी सुख है कभी दुख है अभी क्या था अभी क्या है
तड़पने भी नहीं देती हमें मजबूरियाँ अपनी
मोहब्बत करने वालों का तड़पना किसने देखा है
यहाँ बदला वफ़ा का बेवफ़ाई के सिवा क्या है
यूँ ही दुनिया बदलती है इसी का नाम दुनिया है
कभी सुख है कभी दुख है अभी क्या था उभी क्या है
मोहब्बत कर के भी देखा मोहब्बत में भी धोखा है
भुला दो वो ज़माना जब मुझे अपना बनाया था
भुला दो मुँह में उल्फ़त जब तुम्हारे लब पे आया था
भुला दो वो कसम जो दिलाई थी कभी तुमने
भुला दो वो कसम जो कि खाई थी कभी तुमने
भुला दो दिल से तुम गुज़रे हुए रँगीन ज़माने को
भुला दो हाँ भुला दो इश्क़ के सज़ा फ़साने को
तमन्नाओं की बस्ती में अंधेरा ही अंधेरा है
किसे अपना कहूँ कोई जो अपना था पराया है
यूँ ही दुनिया बदलती है इसी का नाम दुनिया है
कभी सुख है कभी दुख है अभी क्या था अभी क्या है
मोहब्बत करने वालों का तड़पना किसने देखा है
यहाँ बदला वफ़ा का बेवफ़ाई के सिवा क्या है
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Yahan badla wafa ka-Jugnu 1947
Artists: Dilip Kumar, Noorjahan
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