लिखे जो ख़त तुझे-कन्यादान १९६८
रफ़ी का गाया दूसरा गीत सुनते हैं इस फिल्म
से. पिछला गीत हसरत जयपुरी का लिखा हुआ
था. इसे नीरज ने लिखा है.
खत, कोरियर, पार्सल श्रेणी का ये एक उम्दा गीत
है और बेहद लोकप्रिय भी.
गीत के बोल:
लिखे जो ख़त तुझे वो तेरी याद में
हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझे वो तेरी याद में
हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ तो फूल बन गए
जो रात आई तो सितारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझे
कोई नगमा कहीं गूँजा कहा दिल ने के तू आई
कहीं चटकी कली कोई मैं ये समझा तू शरमाई
कोई ख़ुशबू कहीं बिख़री लगा ये ज़ुल्फ़ लहराई
लिखे जो ख़त तुझे वो तेरी याद में
हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ तो फूल बन गए
जो रात आई तो सितारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझे
फिज़ा रंगीन अदा रंगीन ये इठलाना ये शरमाना
ये अंगड़ाई ये तन्हाई ये तरसा कर चले जाना
बना देगा नहीं किसको जवां जादू ये दीवाना
लिखे जो ख़त तुझे वो तेरी याद में
हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ तो फूल बन गए
जो रात आई तो सितारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझे
जहाँ तू है वहाँ मैं हूँ मेरे दिल की तू धड़कन है
मुसाफ़िर मैं तू मंज़िल है मैं प्यासा हूँ तू सावन है
मेरी दुनिया ये नज़रें हैं मेरी जन्नत ये दामन है
लिखे जो ख़त तुझे वो तेरी याद में
हज़ारों रंग के नज़ारे बन गए
सवेरा जब हुआ तो फूल बन गए
जो रात आई तो सितारे बन गए
लिखे जो ख़त तुझे
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Likhe jo khat tujhe-Kanyadaan 1968
Artists: Shashi Kapoor, Asha Parekh
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