आपन जीवन दर्पण न्यारा-डॉक्टर १९४१
जीवन के असल उद्देश्य मनुश्य को समझ नहीं आते
और वो यूँ ही अपना जीवन गुजार देता है.
इस गीत को सुनिए और समझिये. सन १९४१ का गीत
है फिल्म डॉक्टर से जिसका संगीत तैयार किया है युवा
पंकज मलिक ने. इला घोष ने इसे गाया है.
गीत के बोल:
आपन जीवन दर्पण न्यारा
आपन जीवन दर्पण न्यारा
इसमें समाया रूप तिहारा
आपन जीवन दर्पण न्यारा
आपन जीवन
जग की सेवा जीवन रक्षा
जग की सेवा जीवन रक्षा
कर्म तुम्हारे धर्म हमारा
जग की सेवा जीवन रक्षा
कर्म तुम्हारे धर्म हमारा
रोगी मन को तुम्हरी आशा
जीवन-जल का तुमरी से धारा
मन में समाया रूप तिहारा
आपन जीवन दर्पण न्यारा
अन्धी आँख को तुम्हारा दर्शन
दु:ख बदरी में चमकता तारा
आ हा
भक्त को भी अपना सा बना दो
भक्त को भी अपना सा बना दो
हाथ हों मेरे काम तुम्हारा
मन में समाया रूप तिहारा
आपन जीवन दर्पण न्यारा
आपन जीवन दर्पण न्यारा
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Aapan jeewan darpan nyara-Doctor 1941
1941, Pankaj Mullick, Ila Ghosh , Doctor
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