एक मैं हूँ एक मेरी-तराना १९५१
फिल्म तराना से. पिछली दफे हमने आपको इसी फिल्म
से प्रेम धवन का लिखा गीत सुनवाया था.
प्रस्तुत गीत तलत महमूद ने गाया है और इस गीत
के लिए संगीत तैयार किया है अनिल बिश्वास ने. ये
गीत फिल्माया गया है दिलीप कुमार पर.
गीत के बोल:
जली जो शाख-ए-चमन साथ बाग़बाँ भी जला
जला के मेरे नशेमन को आस्मां भी जला
एक मैं हूँ एक मेरी बेक़सी की शाम है
अब तो तुझ बिन ज़िंदगी भी मुझ पे इक इल्ज़ाम है
दिल पे क्या गुज़री तेरे जाने से कोई क्या कहे
साँस जो आती है वो भी दर्द का पैग़ाम है
आँसूओं मुझ पर हँसो मेरे मुक़द्दर पर हँसो
अब कहाँ वो ज़िंदगी जिस का मुहब्बत नाम है
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Ek main hoon-Tarana 1951
Artist: Dilip Kumar
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