बादलों में छुप रहा है-फिर तेरी कहानी याद आई १९९३
की फिल्म से है. इस फिल्म के एल्बम को ये सौभाग्य
प्राप्त हुआ कि इसे कहीं पर भी जब बजाया जाता तो पूरा
बजाया जाता. इसी चक्कर में ये इतना बजा कि सुनने
वालों के कान बजने लगे. तात्पर्य ये है कि श्रोताओं को
गाने याद हो गए.
इस गीत के गीतकार और संगीतकार वही हैं जो पिछले
दो गीतों के लिए थे. इसे कुमार सानू और अलका याग्निक
ने गाया है.
गीत के बोल:
बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ
अपने हुस्न की ज़या से पूछ लो
चाँदनी पड़ी है मांद क्यूँ
अपनी ही किसी अदा से पूछ लो
बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ
अपने हुस्न की ज़या से पूछ लो
चाँदनी पड़ी है मांद क्यूँ
अपनी ही किसी अदा से पूछ लो
मेरी हसरतों पे बेखुदी सी छा गई
तुमको देख कर निगाह लड़खड़ा गई
मेरी हसरतों पे बेखुदी सी छा गई
तुमको देख कर निगाह लड़खड़ा गई
निगाह लड़खड़ा गई
निगाह लड़खड़ा गई
हो रहा हूँ मैं नशे में चूर क्यूँ
झूमती हुई फ़िज़ा से पूछ लो
हो रहा है बे पिये सुरूर क्यूँ
मेरी ज़ुल्फ़ की घटा से पूछ लो
बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ
अपने हुस्न की ज़या से पूछ लो
चाँदनी पड़ी है मांद क्यूँ
अपनी ही किसी अदा से पूछ लो
दूर मुझसे ग़म है और ख़ुशी करीब है
आज मेरा प्यार कितना ख़ुशनसीब है
दूर मुझसे ग़म है और ख़ुशी करीब है
आज मेरा प्यार कितना ख़ुशनसीब है
कितना ख़ुशनसीब है
कितना ख़ुशनसीब है
झूमता है मेरा अंग अंग क्यूँ
अपनी रूह की सदा से पूछ लो
बज रहे हैं दिल में जलतरंग क्यूँ
गीत छेड़ती हवा से पूछ लो
बादलों में छुप रहा है चाँद क्यूँ
अपने हुस्न की ज़या से पूछ लो
चाँदनी पड़ी है मांद क्यूँ
अपनी ही किसी अदा से पूछ लो
………………………………………………..
Baadlon mein chhup raha hai-Phir teri kahani yaad aayi 1993
Artists: Rahul Roy, Pooja Bhatt
0 comments:
Post a Comment