सावन के दिन आये रे-सिकंदर १९४१
हैं. इसे शीला और ढेर सारे सहक गायकों ने गाया है.
गीत आप अगर सरसरी तौर पर सुनेंगे तो आपको इसमें
मद्रासी गुजरिया और रंगवा दे चदरिया जैसा कुछ सुनाई
देने लगेगा.
गीत पंडित सुदर्शन का है और संगीत रफ़ीक गज़नवी का.
वैसे ये कंफ्यूज़न बरकरार है कि इसका संगीत मीर साहब
या गज़नवी में से किसने दिया है. संगीतकारों के जो फैन
हैं उनमें से टेबल फैन, सीलिंग फैनों के बस का नहीं है
इसे पहचानना. कम से कम पेडस्टल फैन होना ज़रूरी है.
गीत के विनाईल और फिल्म वर्ज़न में अंतर है इसलिए
आपको बोलों में अंतर मिलेगा. एक अन्तरा विनाईल
वर्ज़न से गायब है. 6/6 के कान वाले बोलों को सुधारने
में मदद करें.
गीत के बोल:
हो सावन के दिन आये रे
सावन के दिन आये रे
मंगवा दे चुनरिया
मंगवा दे चुनरिया
हो बैरन साज सजाये रे
बैरन साज सजाये रे
मंगवा दे चुनरिया
मंगवा दे चुनरिया
कब लग ओढ़ूँ पुरानी चुनरिया
कब लग ओढ़ूँ पुरानी चुनरिया
सुंदर वो बन जाये रे
हाय रे हाय रे
सुंदर वो बन जाये रे
मंगवा दे चुनरिया
मंगवा दे चुनरिया
हो सावन के दिन आये रे
सावन के दिन आये रे
मंगवा दे चुनरिया
मंगवा दे चुनरिया
हो बैरन साज सजाये रे
बैरन साज सजाये रे
मंगवा दे चुनरिया
मंगवा दे चुनरिया
मन की नदिया सूरज निहांरे
मन की नदिया सूरज निहांरे
लाली चुनरिया प्रेम उभारे
लाली चुनरिया प्रेम उभारे
देखत मन ललचाये रे
हाय हाय
देखत मन ललचाये रे
मंगवा दे चुनरिया
मंगवा दे चुनरिया
हो सावन के दिन आये रे
सावन के दिन आये रे
मंगवा दे चुनरिया
मंगवा दे चुनरिया
हो बैरन साज सजाये रे
बैरन साज सजाये रे
मंगवा दे चुनरिया
मंगवा दे चुनरिया
आ गई बन में रुत मतवारी
आ गई बन में रुत मतवारी
छा गई मन में प्रेम खुमारी
जोबन शोर मचाये रे
जोबन शोर मचाये रे
मंगवा दे चुनरिया
मंगवा दे चुनरिया
हो सावन के दिन आये रे
सावन के दिन आये रे
मंगवा दे चुनरिया
मंगवा दे चुनरिया
हो घर द्वार सजाये रे
हो घर द्वार सजाये रे
रंगवा दे चुनरिया
रंगवा दे चुनरिया
हो सावन के दिन आये रे
सावन के दिन आये रे
मोहे ला दे चुनरिया
मोहे ला दे चुनरिया
सब जग मौज मनाये रे
सब जग मौज मनाये रे
मोही लागी नजरिया
मोही लागी नजरिया
गुजर गईं जोबन की बतियाँ
गुजर गईं जोबन की बतियाँ
बीत गईं रंग-रस की रतिया
बीत गईं रंग-रस की रतिया
कौन गई रुत लाये रे
कौन गई रुत लाये रे
मोहे ला दे चुनरिया
मोहे ला दे चुनरिया
सावन के दिन आये रे
सावन के दिन आये रे
मोहे ला दे चुनरिया
हो बैरन साज सजाये रे
बैरन साज सजाये रे
रंगवा दे चुनरिया
रंगवा दे चुनरिया
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Sawan ke din aaye re-Sikandar 1941
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