मेरी आँखों की निंदिया-झुक गया आसमान १९६८
हैं. रूबी मेयर्स उर्फ सुलोचना नंबर १ को भी इस फिल्म
में आप देख सकते हैं. जागीरदार और दुर्गा खोटे
नायिका के माँ बाप के रोल में हैं. द्वारका दिवेचा ने
कैमरा संभाला था इसलिए फिल्म के दृश्य काफी हद
तक अलग-हट-के हैं. ये शगल इस फिल्म में भी
है कि केवल नायक को सर्दी लगती है, नायिका को
नहीं.
आप फिल्म को आसमान समझ लें और उस पर ढेर
सारे गाने चिपका दें तो आसमान को झुकना ही है.
सुनते हैं फिल्म से अगला गीत लता और रफ़ी की
आवाजों में. हसरत जयपुरी ने इसे लिखा है. संगीत
एक बार फ़िर से शंकर जयकिशन का है
गीत के बोल:
मेरी आँखों की निंदिया चुरा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन तुम्हारे सिवा कौन
मेरी आँखों की निंदिया चुरा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन तुम्हारे सिवा कौन
बातों बातों में दिल को उड़ा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन तुम्हारे सिवा कौन
बातों बातों में दिल को उड़ा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन तुम्हारे सिवा कौन
अपनी आँखों से अफ़साने कहती रही
मैं तो यादों के तूफ़ां में बहती रही
मैं तो यादों के तूफ़ां में बहती रही
कोई मौजों में मुझ को बहा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन तुम्हारे सिवा कौन
बातों बातों में दिल को उड़ा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन तुम्हारे सिवा कौन
मेरी आँखों की निंदिया चुरा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन तुम्हारे सिवा कौन
ऐसा बंधन बांधा है कभी न खुले
ख़त्म होते नहीं प्यार के सिलसिले
ख़त्म होते नहीं प्यार के सिलसिले
ज़िन्दगी भर को अपना बना ले गया
तुम्हारे सिवा कौन तुम्हारे सिवा कौन
मेरी आँखों की निंदिया चुरा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन तुम्हारे सिवा कौन
हाँ बातों बातों में दिल को उड़ा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन तुम्हारे सिवा कौन
वो ख़ुशी मिल गई मैं बयां क्या करूं
लड़खड़ाती है मेरी जुबां क्या करूं
लड़खड़ाती है मेरी जुबां क्या करूं
दिल के डोले में कोई बिठा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन तुम्हारे सिवा कौन
ओ बातों बातों में दिल को उड़ा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन तुम्हारे सिवा कौन
मेरी आँखों की निंदिया चुरा ले गया
तुम्हारे सिवा कौन तुम्हारे सिवा कौन
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Meri aankhon ki nindiya chura-Jhuk gaya aasman 1968
Artists: Rajendra Kumar, Saira Bano
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