दो दिल मिल रहे हैं-परदेस १९९७
की पहचान है. शो-मैन शब्द दो लोगों के साथ खूब जोड़ा
जाता है बॉलीवुड में. एक हैं राज कपूर और दूसरे घई.
इनके भाव कैनवास की वजह से इनकी फिल्मों का जनता
बेसब्री से इंतज़ार करती. ये सिलसिला थोडा कम हुआ है
जबसे घई ने खुद फिल्मों का निर्देशन कम कर के दूसरे
निर्देशकों से फ़िल्में तैयार कराईं.
फिल्म परदेस का लेखन, निर्देशन और निर्माण उन्होंने ही
किया था. फिल्म के गीत लिखने के लिए उन्होंने पुराने
चावल आनंद बक्षी की सेवाएं लीं. नदीम श्रवण वैसे तो
समीर के साथ ही ज्यादा काम करते मिले ९० के दशक
में. उनका ये अनुभव अच्छा रहा और आज परदेस फिल्म
उनके जीवन की बड़ी हिट साबित हुई.
सुनते हैं फिल्म परदेस से एक हिट गाना कुमार सानू की
आवाज़ में.
गीत के बोल:
दो दिल मिल रहे हैं
दो दिल मिल रहे हैं मगर चुपके चुपके
दो दिल मिल रहे हैं मगर चुपके चुपके
सबको हो रही है हाँ
सबको हो रही है खबर चुपके चुपके
हो ओ ओ ओ ओ
दो दिल मिल रहे हैं मगर चुपके चुपके
साँसों में बड़ी बेक़रारी
आँखों में कई रतजगे
कभी कहीं लग जाये दिल तो
कहीं फिर दिल न लगे
अपन दिल मैं ज़रा थाम लूँ
जादू का मैं इसे नाम दूँ
जादू कर रहा है
जादू कर रहा है असर चुपके चुपके
दो दिल मिल रहे हैं मगर चुपके चुपके
ऐसे भोले बन कर हैं बैठे
जैसे कोई बात नहीं
सब कुछ नज़र आ रहा है
दिन है ये रात नहीं
क्या है कुछ भी नहीं है अगर
होंठों पे है खामोशी मगर
बातें कर रहीं हैं
बातें कर रहीं हैं नज़र चुपके चुपके
दो दिल मिल रहे हैं मगर चुपके चुपके
कहीं आग लगने से पहले
उठता है ऐसा धुआँ
जैसा है इधर का नज़ारा ओ
वैसा ही उधर का समा
दिल में कैसी कसक सी जगी
दोनों जानिब बराबर लगी
देखो तो इधर से
देखो तो इधर से उधर चुपके चुपके
दो दिल मिल रहे हैं मगर चुपके चुपके
सबको हो रही है हाँ
सबको हो रही है खबर चुपके चुपके
हो ओ ओ ओ ओ
दो दिल मिल रहे हैं मगर चुपके चुपके
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Do dil mil rahe hain-Pardes 1997
Artists: Sharukh Khan, Mahima Choudhry
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