दुश्मन-ए-जां को हम-नागमणि १९९१
इसे लिखा है संतोष आनंद ने और इसकी तर्ज़ बनाई
है अन्नू मलिक ने. इसे गाया है शब्बीर कुमार और
अनुराधा पौडवाल ने.
सन १९९१ की फिल्म नागमणि कई लोगों ने सिर्फ
शिखा स्वरुप की वजह से ही देखी थी. जैसा कि हम
सब जानते हैं ये फिल्म भले ना चली हो इसके गाने
हमें खूब सुनने को मिले लंबे समय तक.
गीत के बोल:
ओय ओय हो ओय ओय हो
ओय होय हो ओय होय हो
दुश्मन-ए-जां को
दुश्मन-ए-जां को हम हम अपनी जां बना बैठे
ओ चुपके चुपके हो चुपके चुपके
ओय ओय हो ओय ओय हो
दिल बना बैठे
दिल बना बैठे तुम्हें अपना ख़ुदा बना बैठे
ओ चुपके चुपके हो चुपके चुपके
दुश्मन-ए-जां को हम हम अपनी जां बना बैठे
ओ चुपके चुपके चुपके चुपके
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
प्यार पर किसका ज़ोर चलता है
हर क़दम पर ये दिल मचलता है
प्यार पर किसका ज़ोर चलता है
हर क़दम पर ये दिल मचलता है
प्यार पर किसका ज़ोर चलता है
हर क़दम पर ये दिल मचलता है
हो हर क़दम पर ये दिल मचलता है
दिल की राहों में
ओय होय हो ओय होय हो
दिल की राहों में हम आशियां बना बैठे
हो चुपके चुपके हाय चुपके चुपके
ओ ओ हो हो ओ ओ ओ ओ
अपनी आवाज़ है पहाड़ों में
एक गर्मी है अब तो जाड़ों में
अपनी आवाज़ है पहाड़ों में
एक गर्मी है अब तो जाड़ों में
अपनी आवाज़ है पहाड़ों में
एक गर्मी है अब तो जाड़ों में
हो एक गर्मी है अब तो जाड़ों में
आँखों आँखों में
ओय होय हो ओय होय हो
आँखों आँखों में हम दास्तां सुना बैठे
ओ चुपके चुपके चुपके चुपके
दिल बना बैठे
दिल बना बैठे तुम्हें अपना ख़ुदा बना बैठे
ओ चुपके चुपके हो चुपके चुपके
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Dushman-e-jaan ko ham-Naagmani 1991
Artists: Sumeet Saigal
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