Sep 12, 2018

अच्छा जी अच्छा जी-भाभी १९९१

हमें मालूम है आपकी तृप्ति चांदी की साइकिल सोने की
सीट से नहीं हुई है. फिल्म में और भी उल्लेख-नीय,
श्रवणीय गाने हैं जिन्हें सुनना अभी बाकी है.

देव कोहली ने एक सुन्दर गीत लिखा है मगर ये अंग्रेजी
में टर्राने वाले बुद्धिजीवी उनके लिए दो शब्द नहीं निकालते.
वो कुछ नामी गिरामी लोगों के फार्ट तक पे चर्चा कर लेते
हैं.

इसका वीडियो बाड़े में बंधा है इसलिए दर्शन संभव नहीं है
इधर. ऑडियो से काम चलायें.



गीत के बोल:

अच्छा जी अच्छा जी
चेहरे पे पसीने की बूंदे जैसे धूप में सावन की झड़ियां
हो मेरी भीगी भीगी ज़ुल्फ़ों से टूटी हैं शबनम की लड़ियां
ये जुर्म है तेरी जवानी का जो लग गईं तुझको हथकड़ियां
हाँ हाँ हथकड़ियां देखो हथकड़ियां

ये प्रेमी है सीधा सादा तंग करो न मुझको ज्यादा
ख्वाब में आना कर जा वादा दुनिया वालों की है बाधा
दुनिया वाले क्या कर लेंगे देख के हमको खूब जलेंगे
जाने भी दो न प्लीज़ डर लगता है
हाय
कल परसों फिर तुमसे मिलेंगे
अच्छा जी
अब हम तो चलेंगे अच्छा जी
कहाँ
अपने घर
अरे अरे कहाँ
अपने घर
ज़ुल्म न कर ऐ ज़ुल्म न कर
कल परसों फिर तुमसे मिलेंगे
अच्छा जी
जी क्या कहा आपने

हो तेरी झांझर की इस छम छम छम छम से
गीतों की मधुर बरसात हुई
हम दोनों उसमें भीग गए ये अनोखी बात हुई
ये दोष है तेरे काजल का दिन डूब गया और रात हुई
हाँ हाँ रात हुई देखो रात हुई
सुनती जा तू प्रेम कहानी हो गई है ये बात पुरानी
देख रात है बड़ी तूफ़ानी मैं नहीं डरती दिलबरजानी
रात हो गई तारे खिलेंगे प्यार करेंगे गले मिलेंगे
अरे अरे कोई देख लेगा देखने दो रुक जाओ न
कल परसों फिर तुमसे मिलेंगे
अच्छा जी
अच्छा
……………………………………………
Achchha ji achchha ji-Bhabhi 1991

Artists: Juhi Chawla, Govinda

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