आम हिन्दुस्तानी-बॉम्बे वेलवेट २०१५
रु-ब-रु कराता है. यहाँ युग से तात्पर्य समय के अंतराल से
है जो लगभग १०-२० साल का होगा फ़िल्मी दुनिया के लिहाज
से. २० साल में एक पीढ़ी तैयार हो जाती है. अभिव्यक्ति की
आजादी के प्रति पिछले कुछ समय से जनता ज्यादा जागरूक
हो गई है. आम नागरिक को क्या क्या अधिकार प्राप्त हैं उन
पर ज्यादा ध्यान जाने लगा है बनिस्बत अपने कर्तव्यों के.
खैर ये तो एक पहलू है, प्रस्तुत गीत में आम आदमी की क्या
गति और स्तिथि है ये बतलाने की कोशिश की गई है. अंतर
इतना है ये बातें एक निखट्टू को निशाना बनाते हुए कही गई
हैं. अमिताभ भट्टाचार्य ने इसे लिखे है और अमित त्रिवेदी ने
संगीत से सजाया. शेफाली अल्वारेस ने इसे गाया है.
बरसों पहले एक फिल्म आई थी ढाका वेलवेट-ढाके की मलमल
जिसमें नैयर का संगीत है.
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गीत के बोल:
ला ला ला ओ ओ ओ
धोबी का कुत्ता जैसे घाट का ना घर का
पूरी तरह ना इधर का ना उधर का
सुन ले निखट्टू तेरा वो ही तो हाल है
जिंदगी की रेस में जो मुंह उठा के दौड़ा
जिंदगी ने मारी लात पीछे छोड़ा
तू है वो टट्टू गधे सी जिसकी चाल है
प्यार में ठेंगा बार में ठेंगा
इनकी बोतल भी गोरों की गुलाम है
रूठी है महबूबा रूठी रूठी शराब है
हे आम हिन्दुस्तानी तेरी किस्मत खराब है
रूठी है महबूबा रूठी रूठी शराब है
हे आम हिन्दुस्तानी तेरी किस्मत खराब है
आमान से तू यूँ गिरा खजूर पे तू यूँ अटका
तेरे हालात ने उठा के तुझको पटका
की ऐसी चम्पी के तेरे होश उड़ गए
बेवफाई देख के जो आई तुझको हिचकी
चौड़ी छाती तेरी चुटकियों में पिचकी
गम की बत्ती मुंह आ मिली तो बाल झड गए
प्यार में ठेंगा बार में ठेंगा
इनकी बोतल भी गोरों की गुलाम है
रूठी है महबूबा रूठी रूठी शराब है
हे आम हिन्दुस्तानी तेरी किस्मत खराब है
रूठी है महबूबा रूठी रूठी शराब है
हे आम हिन्दुस्तानी तेरी किस्मत खराब है
आदमी नहीं तू समझे खुद को मछली
उलटी गंगा में है तैरने की खुजली
पर ये हुकूमत जो है मगरमच्छ है
लालच ने तुझको ऐसी पट्टी पढ़ाई
ख्वाहिश ने ली है देगची कढाई
तकदीर तेरी अभी भी चम्मच में है
प्यार में ठेंगा बार में ठेंगा
इनकी बोतल भी गोरों की गुलाम है
रूठी है महबूबा रूठी रूठी शराब है
हे आम हिन्दुस्तानी तेरी किस्मत खराब है
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Aam Hindustani-Bombay velvet 2015
Artists: Ranbir Kapoor, Anushka Sharma
Singer: Shefali Alvares,
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