Dec 16, 2018

एक पगली मेरा नाम जो ले-गुलाम अली

गुलाम अली की ८० के दशक की एक और रचना सुनते
हैं जिसे मोहसिन नकवी ने लिखा है.

वेस्टन म्यूजिक वालों ने एल्बम निकाला था उस समय.
उस एल्बम में से ये काफी चर्चित रचना रही.




गीत के बोल:

एक पगली मेरा नाम जो ले शरमाये भी घबराये भी
गलियों गलियों मुझसे मिलने आये भी घबराये भी

रात गये घर जाने वाली गुमसुम लड़की राहों में
अपनी उलझी ज़ुल्फ़ों को सुलझाये भी घबराये भी

कौन बिछड़ कर फिर लौटेगा क्यूँ आवारा फिरते हो
रातों को एक चाँद मुझे समझाये भी घबराये भी

आने वाली रुत का कितना ख़ौफ़ है उसकी आँखों में
जाने वाला दूर से हाथ हिलाये भी घबराये भी
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Ek pagli mera naam jo le-Ghulam Ali Ghazal

Lyrics: Mohsin Naqvi

Album: Haseen Lamhe

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