तुमको फ़ुरसत हो-बेवफ़ा १९५२
उसे पीपिंग टॉम नहीं कह सकते क्यूंकि कहानी के अनुसार
वो प्रेमी है उसके अलावा वो तो सामने बैठा देख रहा है.
पीपिंग टॉम छुप के देखा करते हैं.
अब या तो वो पहली बार कोट पैंट पहन कर आया है या
पहली बार उसे किसी ने सेब खाने को दिया है तो वो
इतना गदगद है कि नायिका को बतलाना चाहता है अपनी
उपलब्धियों के बारे में.
स्विमिंग पूल फर्स्ट फ़्लोर पर है और नायक ग्राउंड फ्लोर पर.
नायक की आँखों का एंगल देख कर तो ऐसा ही लग रहा
है.
बेवफ़ा फिल्म का ये बेहतर गीत है और ज्यादा लोकप्रिय भी.
सरशर सैलानी के बोल हैं और ए आर कुरैशी का म्यूज़िक
गीत के बोल:
तुमको फ़ुर्सत हो मेरी जान तो इधर देख तो लो
तुमको फ़ुर्सत हो मेरी जान तो इधर देख तो लो
चार आँखें न करो
चार आँखें न करो एक नज़र देख तो लो
तुमको फ़ुर्सत हो
बात करने के लिए कौन तुम्हें कहता है
बात करने के लिए कौन तुम्हें कहता है
ना करो हमसे कोई
ना करो हमसे कोई बात मग़र देख तो लो
तुमको फ़ुर्सत हो
तुमको फ़ुर्सत हो मेरी जान तो इधर देख तो लो
अपने बीमार-ए-मोहब्बत की तसल्ली के लिए
अपने बीमार-ए-मोहब्बत की तसल्ली के लिए
हाल-ए-दिल पूछ तो लो
हाल-ए-दिल पूछ तो लो ज़ख़्म-ए-जिगर देख तो लो
तुमको फ़ुर्सत हो
तुमको फ़ुर्सत हो मेरी जान तो इधर देख तो लो
दिल-ए-बर्बाद को आबाद करो या न करो
दिल-ए-बर्बाद को आबाद करो या न करो
कम से कम तुम मेरा
कम से कम तुम मेरा उजड़ा हुआ घर देख तो लो
तुमको फ़ुर्सत हो
तुमको फ़ुर्सत हो मेरी जान तो इधर देख तो लो
तुमको फ़ुर्सत हो
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Tum ko fursat ho-Bewafa 1952
Artist: Raj Kapoor, Nargis
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