मुसाफ़िर हैं हम तुम-सिम सिम मरजीना १९५८
है जिसका नाम है सिमसिम मरजीना. फिल्म में महीपाल, हेलन
और शकीला प्रमुख कलाकार हैं.
गोल्डन मूवीज़ के लिए इसका निर्देशन नरेन्द्र दवे ने किया था.
रवींद्र दवे का नाम फिल्म भक्तों के लिए जाना पहचाना है जो
५० और ६० के दशक के एक व्यस्त निर्देशक हुआ करते थे.
नरेन्द्र दवे के नाम मुझे सिम सिम मरजीना के अलावा दूसरी
और कोई फिल्म नहीं दिखी.
गीत के बोल:
मुसाफ़िर हैं हम तुम ये दुनिया सराय
इधर कोई आए उधर कोई जाए
मुसाफ़िर हैं हम तुम ये दुनिया सराय
ये जलवे ये नग़में ये महफ़िल सुहानी
ये जलवे ये नग़में ये महफ़िल सुहानी
ये हुस्न और मोहब्बत की रंगीं कहानी
यहाँ की हर एक चीज़ है आनी जानी
वो नादान है इनसे जो दिल लगाए
मुसाफ़िर हैं हम तुम ये दुनिया सराय
हर एक चीज़ में है नई ज़िन्दगानी
वो नादान है जो यहाँ तक न आए
मुसाफ़िर हैं हम तुम ये दुनिया सराय
ज़माना हुआ है न होगा किसी का
तमाशा है सारा घड़ी दो घड़ी का
भरोसा न करना कभी ज़िन्दगी का
ना मालूम कब साँस आए न आए
मुसाफ़िर हैं हम तुम ये दुनिया सराय
ये दुनिया है दो घड़ी का तमाशा
न करना यहाँ ज़िन्दगी का भरोसा
ना बाकी रहे कोई दिल की तमन्ना
अधूरी कहीं दास्तां रह न जाए
मुसाफ़िर हैं हम तुम ये दुनिया सराय
इधर कोई आए उधर कोई जाए
मुसाफ़िर हैं हम तुम ये दुनिया सराय
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Musafir hain ham tum-Sim sim Marjina 1958
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