ए मोहब्बत तेरे अन्जाम पे-बेगम अख्तर
चलते हैं. आज सुनेंगे बेगम अख्तर की गई ग़ज़ल
जिसके रचयिता हैं शकील बदायूनीं.
ये काफी लोकप्रिय ग़ज़ल है जिसे संगीत रसिकों ने
एक न एक बार अवश्य सुना होगा.
गीत के बोल:
ए मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया
ए मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया
ए मोहब्बत तेरे
जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तेरे नाम
यूँ तो हर
यूँ तो हर शाम उम्मीदों में गुज़र जाती थी
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया
आज कुछ बात है जो शाम पे
कभी
कभी तकदीर का मातम कभी दुनिया का गिला
मन्ज़िल-ए-इश्क़ में हर गाम पे रोना आया
मन्ज़िल-ए-इश्क़ में
जब हुआ ज़िक्र ज़माने में मोहब्बत का 'शकील'
मुझको अपने दिल-ए-नाकाम पे रोना आया
ए मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया
ए मोहब्बत
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Ae mohabbat tere anjaam pe-Begum Akhtar non film song
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