Dec 10, 2019

दिल का आलम(नितिन)-आशिकी १९९०

हिंदी सिनेमा में कई ऐसे गीत हैं जिन्हें वर्ज़न सोंग कहा
जाता है. वर्ज़न सोंग अक्सर फिल्म में अवतरित गाने के
ऐसे वर्ज़न होते हैं जिन्हें दूसरे गायकों द्वारा गाया गया
होता है. कभी तो ये उसी संगीतकार के तबेले से निकलते
हैं और कभी कभी भैंस किसी दूसरे पोखर से नहा के
निकल आती है.


सन १९९० की फिल्म आशिकी के सबसे ज्यादा बजे गीतों
में से एक आपने २-३ दिन पहले सना. वो कुमार सानू की
आवाज़ में है. इस तर्जुमे को शायद संगीतकार ने पहले
रिकॉर्ड कर लिया था, मगर फिल्म में शामिल करने के लिए
सानू वाला वर्ज़न उपयोग किया गया.

मदन पाल के लिखे हुए गीत को गाया है नितिन मुकेश ने
नदीम श्रवण की तर्ज़ पर. नितिन मुकेश के हिस्से में ९०
के दशक में केवल खय्याम और राम लक्ष्मण के संगीत
वाले कुछ गीत ही आये.





गीत के बोल:

दिल का आलम मैं क्या बताऊँ तुझे
दिल का आलम मैं क्या बताऊँ तुझे
एक चेहरे ने बहुत
एक चेहरे ने बहुत प्यार से देखा मुझे
दिल का आलम मैं क्या बताऊँ तुझे
दिल का आलम मैं क्या बताऊँ तुझे
एक चेहरे ने बहुत
एक चेहरे ने बहुत प्यार से देखा मुझे
दिल का आलम मैं क्या बताऊँ तुझे

वो मेरे सामने बैठी है मगर
उससे कुछ बात ना हो पाई है
मैं इशारा भी अगर करता हूँ
इस में हम दोनों की रुसवाई है
इस में हम दोनों की रुसवाई है

दिल का आलम मैं क्या बताऊँ तुझे
दिल का आलम मैं क्या बताऊँ तुझे
एक चेहरे ने बहुत
एक चेहरे ने बहुत प्यार से देखा मुझे
दिल का आलम मैं क्या बताऊँ तुझे

वो तो होंठों से कुछ भी कहती नहीं
उसकी आँखों में एक कहानी है
उस कहानी में नाम है मेरा
मुझपे कुदरत की मेहरबानी है
मुझपे कुदरत की मेहरबानी है
दिल का आलम मैं क्या बताऊँ तुझे
दिल का आलम मैं क्या बताऊँ तुझे
एक चेहरे ने बहुत
एक चेहरे ने बहुत प्यार से देखा मुझे
दिल का आलम मैं क्या बताऊँ तुझे
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Dil ka aalam(Nitin)-Aashiqui 1990

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