मैं दुनिया भुला दूँगा-आशिकी १९९०
एक के साथ एक फ्री ऑफर कभी कभी याद आ जाता
है, यूँ ही समझ लें.
समीर के बोल हैं, नदीम श्रवन का संगीत और इसे गाया
है कुमार सानू संग अनुराधा पौडवाल ने
चाहत बुरी चीज़ है या अच्छी ये तो आप ही समझें मगर
ये बहुत कुछ भुला दिया करती है. पनीर की चाहत अंडे
को भुला दिया करती है, सही मिसाल है ना जी ?
गीत के बोल:
मैं दुनिया भुला दूँगा तेरी चाहत में
मैं दुनिया भुला दूँगा तेरी चाहत में
ओ दुश्मन ज़माना मुझे न भुलाना
मैं खुद को मिटा दूँगा तेरी चाहत में
मैं दुनिया भुला दूँगी तेरी चाहत में
मैं दुनिया भुला दूँगी तेरी चाहत में
तेरा साथ छूटा ये वादा जो टूटा
मैं खुद को मिटा दूँगी तेरी चाहत में
मैं दुनिया भुला दूँगा तेरी चाहत में
मेरी साँसें तेरी ख़ुशबू
मेरे दिल में तेरी धड़कन
मेरी महफ़िल तेरी बातें
मेरी आँखें तेरे दर्पण
बिन तेरे कुछ भी नहीं मैं
बिन तेरे कुछ भी नहीं मैं
मैं हर ग़म उठा लूँगी तेरी चाहत में
तेरा साथ छूटा ये वादा जो टूटा
मैं खुद को मिटा दूँगी तेरी चाहत में
मैं दुनिया भुला दूँगा तेरी चाहत में
सीने से लग जा तू
मैं हूँ तेरा दीवाना
मुझे तुझसे मिलने से
रोकेगा क्या ज़माना
छोडूंगा न साथ तेरा
छोडूंगा न साथ तेरा
मैं सब कुछ लुटा दूँगा तेरी चाहत में
ओ दुश्मन ज़माना मुझे न भुलाना
मैं खुद को मिटा दूँगा तेरी चाहत में
मैं दुनिया भुला दूँगी तेरी चाहत में
तेरा साथ छूटा ये वादा जो टूटा
मैं खुद को मिटा दूँगी तेरी चाहत में
मैं दुनिया भुला दूँगा तेरी चाहत में
तेरी चाहत में
हाँ तेरी चाहत में
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Main duniya bhula doonga-Aashiqui 1990
Artists: Rahul Roy, Anu Agrawal
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