May 2, 2020

क्या करे ज़िंदगी-कमीने २००९

शानदार नाम वाली फिल्मों से अगला गीत पेश है. फिल्म का
नाम है कमीने. वैसे ये शब्द अक्सर कुत्ते शब्द के साथ प्रयुक्त
होता है और सुनने में अच्छा लगता है. सोलो शब्द केवल
यार दोस्तों के बीच ज्यादा प्रयोग में लाया जाता है.

आपको बतला दें कैरी ऑन कुत्तों नाम से एक फिल्म बन चुकी
है. शुद्ध कुत्ता शब्द से कोई फिल्म अभी नहीं आई है

फिल्म को नये ज़माने की शब्दावली अनुसार कल्ट क्लासिक का
दर्ज़ा प्राप्त है.

गुलज़ार के बोल हैं और विशाल भारद्वाज का संगीत. इसे स्वयं
संगीतकार ने गाया है. इस लेजेंड्री गीत को रिलीज़ हुए ग्यारह
वर्ष हो चुके हैं.

ये गीत रेलवे यार्ड से शुरू हो तौलिये में गिटार बजाता हुआ
रेस कोर्स घूम लेता है और महत्वाकांक्षा के जंगले से होता हुआ
घोड़ों के साथ जॉगिंग पर समाप्त होता है.




गीत के बोल:

क्या करे ज़िंदगी इसको हम जो मिले
इसकी जाँ खा गये रात दिन के गिले
क्या करे ज़िंदगी इसको हम जो मिले
इसकी जाँ खा गये रात दिन के गिले
रात दिन गिले

मेरी आरज़ू कमीनी मेरे ख़्वाब भी कमीने
इक दिल से दोस्ती थी ये हुज़ूर भी कमीने

क्या करे ज़िंदगी इसको हम जो मिले
इसकी जाँ खा गये रात दिन के गिले

कभी ज़िंदगी से माँगा पिंजरे में चाँद ला दो
कभी लालटेन दे के कहा आसमाँ पे टाँगो
हो कभी ज़िंदगी से माँगा पिंजरे में चाँद ला दो
कभी लालटेन दे के कहा आसमाँ पे टाँगो
जीने के सब क़रीने थे हमेशा से कमीने
कमीने कमीने कमीने कमीने

मेरी दास्ताँ कमीनी मेरे रास्ते कमीने
इक दिल से दोस्ती थी ये हुज़ूर भी कमीने

जिसका भी चेहरा छीला अन्दर से और निकला
मासूम सा कबूतर नाचा तो मोर निकला
कभी हम कमीने निकले कभी दूसरे कमीने
कमीने कमीने कमीने कमीने

मेरी दोस्ती कमीनी मेरे यार भी कमीने
इक दिल से दोस्ती थी ये हुज़ूर भी कमीने
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Kya Karen zindagi-Kaminey 2009

Artist: Shashid Kapoor

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