हमको मालूम है इश्क़ मासूम है-जानेमन २००६
गाना सुनते हैं आज जो फिल्म के बेहतर गीतों में से एक है.
गुलज़ार के बोलों को धुन दी है अन्नू मलिक ने. इसे गाया है
सोनू निगम और साधना सरगम ने.
गीत में वीडियो की रफ़्तार ऑडियो से अधिक है और लाल रंग
की प्रधानता है. लाल रंग की बाइक पर उड़ते हुए दूल्हा दुल्हन
फेरे लेने पहुँचते हैं और दुल्हन मंगलसूत्र लायी है. दुल्हन को
गोदी में उठाये दूल्हा सीधे बेडरूम तक पहुँचता है. ये होता है
नई टेक्नोलोजी का फायदा. विचारों के साथ क्रिया की गति भी
बढ़ जाती है जहाँ तक फिल्मों का सवाल है.
गीत हरे रंग की और अग्रसर हो जाता है ताकि ऊपर लिखा
वाक्य गलत सिद्ध हो. उसके थोड़ी देर बाद फिर लाल की ओर.
यार ये वीडियो तो हमें चकमा दे रहा है. इसमें आपको स्टेज की
लाइम लाईट भी दिखाई देती है, वही लाईट जो चूने जैसी सफ़ेद
होती है.
गीत पूरी कहानी समेटे हुए है अपने आप में और रिजेक्शन के
बाद डिजेक्शन की अवस्था कैसी होती है इसे बखूबी अंत में
समझा दिया गया है.
गीत के बोल:
हमको मालूम है इश्क़ मासूम है
दिल से हो जाती हैं ग़लतियाँ
सब्र से इश्क़ महरूम है
हमको मालूम है इश्क़ मासूम है
दिल से हो जाती हैं ग़लतियाँ
सब्र से इश्क़ महरूम है
हमको मालूम है इश्क़ मासूम है
दिल से हो जाती हैं ग़लतियाँ
सब्र से इश्क़ महरूम है
हुआ जो ज़माने का दस्तूर है
मॉम मानी नहीं
डैड नाराज़ था
मेरी बरबादियों का वो आग़ाज़ था
इश्क़ का एक ही एक अन्दाज़ था
वो न राज़ी हुये
हम भी बाग़ी हुए
बेक़रार हम फ़रार हो गए
हमको मालूम है इश्क़ मासूम है
दिल से हो जाती हैं ग़लतियाँ
सब्र से इश्क़ महरूम है
मैं परेशान हूँ एक मजबूरी पर
होगा ग़म जान कर साथ हूँ मैं मगर
मुझको रहना पड़ेगा ज़रा दूरी पर
सिर्फ़ दो ही महीने हैं सह लो अगर
मेरा फ़्यूचर है तेरी क़सम
मेरा फ़्यूचर है इसमें पिया
हमको मालूम है इश्क़ मासूम है
दिल से हो जाती हैं ग़लतियाँ
सब्र से इश्क़ महरूम है
वक़्त से हारा लौटा जो मैं
लौट कर अपने घर जा चुकी थी पिया
फ़ोन करता रहा फ़ोन भी ना लिया
मैंने ख़त भी लिखे साल भर ख़त लिखे
मेरी आवाज़ पहुँची नहीं खो गई मेरी पिया कहीं
मुझको उम्मीद थी एक दिन तो कभी
वो भी आवाज़ देगी मुझे
हमको मालूम है इश्क़ मासूम है
दिल से हो जाती हैं ग़लतियाँ
सब्र से इश्क़ महरूम है
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Hamo maloom hai sihq masoom-Jaaneman 2006
Artists: Salman Khan, Preity Zinta
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