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Aug 15, 2016

हम करें राष्ट्र आराधन–देशभक्ति गीत

आज आपको सुनवाते हैं जयशंकर प्रसाद रचित एक मधुर एवम
गरिमामय देशभक्ति गीत. इसे संगीतबद्ध किया है अशित देसाई ने.
बरसों पहले चंद्रप्रकाश द्विवेदी के टी वी सीरियल चाणक्य में इस
गीत को शामिल किया गया था.

८ सितम्बर १९९१ से ९ अगस्त १९९२ तक इस सीरियल का प्रसारण
हुआ था. अपने आप में अनूठा ये सीरियल आज भी दर्शकों की
स्मृति में कायम है. इसमें चाणक्य की शीर्षक भूमिका निभाई थी
इसके निर्माता चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने.




गीत के बोल:

अन्तर से मुख से कृति से
निश्र्चल हो निर्मल मति से
श्रद्धा से मस्तक नत से
हम करें राष्ट्र अभिवादन अभिवादन
हम करें राष्ट्र आराधन
हम करें राष्ट्र आराधन

हम करें राष्ट्र आराधन
तन से मन से धन से
तन मन धन जीवन से
हम करें राष्ट्र आराधन

अपने हंसते शैशव से
अपने खिलते यौवन से
अपने हंसते शैशव से
अपने खिलते यौवन से
प्रौढ़ता पूर्ण जीवन से
हम करें राष्ट्र का अर्चन
हम करें राष्ट्र आराधन
हम करें राष्ट्र आराधन

अन्तर से मुख से कृति से
निश्र्चल हो निर्मल मति से
श्रद्धा से मस्तक नत से
हम करें राष्ट्र अभिवादन अभिवादन
हम करें राष्ट्र आराधन
हम करें राष्ट्र आराधन
हम करें राष्ट्र आराधन
हम करें राष्ट्र आराधन

अपने अतीत को पढ़कर
अपना इतिहास उलटकर
अपने अतीत को पढ़कर
अपना इतिहास उलटकर
अपना भवितव्य समझकर
हम करें राष्ट्र का चिंतन
हम करें राष्ट्र आराधन
हम करें राष्ट्र आराधन
आराधन
हम करें राष्ट्र आराधन

है याद हमें युग युग की
जलती अनेक घटनायें
जो माँ के सेवा पथ पर
आई बनकर विपदायें
हमने अभिषेक किया था
जननी का अरिशोणित से
हमने श्रृंगार किया था
माता का अरिमुंडो से

हमने ही उसे दिया था
सांस्कृतिक उच्च सिंहासन
माँ जिस पर बैठी सुख से
करती थी जग का शासन
अब काल चक्र की गति से
वह टूट गया सिंहासन
अपना तन मन धन देकर
हम करें राष्ट्र आराधन
हम करें राष्ट्र आराधन
हम करें राष्ट्र आराधन
हम करें राष्ट्र आराधन

तन से मन से धन से
तन मन धन जीवन से
हम करें राष्ट्र आराधन
आराधन
हम करें राष्ट्र आराधन
करें राष्ट्र आराधन
करें राष्ट्र आराधन
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Ham Karen rashtra aaradhan-Deshbhakti geet non film

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