Sep 2, 2009

होंठों पे जान चली आएगी-पतिता १९८०

कभी कभी ऐसा होता है की मूल गीत को जनता भुला चुकी
होती है और उसके रीमिक्स वगैरह जुबान पे चढ़ के बोलने लगते हैं।

ये गीत जब फिल्म रिलीज़ हुई तब ज्यादा नहीं बजा। उस समय
इसी फिल्म का एक दूसरा गीत चलन में था-दिल धक् धक् करने लगा।
उसके अलावा लता का गाया गीत भी ज्यादा बजता था-बैठे बैठे आज आई मेरे
मन में। एच एम् वी (आज का सारेगामा) ने एक एल्बम निकला किशोर के
गीतों का २००० के बाद। उसमे ये किशोर कुमार का गीत शामिल किया गया।
उसके बाद तो ये गीत सारे संगीत प्रेमियों की जुबां पे चढ़ गया
जिन्होंने भी ये एल्बम ख़रीदा। इस गीत का म्युज़िक विडियो भी बना और कुछ
संगीत के चैनल पर दिखाई दिया। परदे पर आपको राज किरण और
शोमा आनंद नाम के कलाकार दिखाई देंगे ।





गीत के बोल:

होंठों पे जान चली आएगी
नैनों में नींद नहीं आएगी
रैना नहीं ये नागिन है
ऐसा लगे, हम दोनों को ये एक साथ डस जाएगी

होंठों पे जान चली आएगी
नैनों में नींद नहीं आएगी
रैना नहीं ये नागिन है
ऐसा लगे, हम दोनों को ये एक साथ डस जाएगी

तेरी आधी जागी आधी सोई सोई आँखें
ऐसे पलकों के झरोखों से झाँके
तेरी आधी जागी आधी सोई सोई आँखें
ऐसे पलकों के झरोखों से झाँके
जैसे मेरी तू, दुल्हन है
ऐसा है तो, मेरे सपनों की सूनी सेज सज जाएगी

कोई दूजा नहीं खाली घर लगता है
खाली घर में भी थोड़ा डर लगता है
दुनिया दिलों की दुशमन है
ऐसे हमें किसी ने जो देखा तो कहानी बन जाएगी

तुझे इस नैनों वाली डोली में बिठा दूँ
अंग छूके कली से मैं फूल बना दूँ
ये लट मगर एक उल्झन है
तू ही बता इसे मेरी प्रीत भला कैसे सुलझ आएगी

होंठों पे जान चली आएगी
नैनों में नींद नहीं आएगी
रैना नहीं ये नागिन है
ऐसा लगे, हम दोनों को ये एक साथ डस जाएगी

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