Nov 7, 2010

महबूबा महबूबा बना ल्यो -साधु और शैतान १९६८

हास, प्रतिहास और अट्टाहास में क्या फर्क है ये टीवी चैनल
पर आने वाले कार्यक्रमों को देख कर जाना जा सकता है। इसमें
विशेष तौर पर ऐसे अतिथियों को आमंत्रित किया जाता है जो
फुल वोल्यूम पर अट्टाहास लगा सकें। कुछ अतिथि ऐसे हँसते हैं मानो
हॉरर फिल्म का कोई किरदार निभा रहे हों।इन कार्यक्रमों में
उदघोषक अक्सर अतिथियों और प्रतिभागियों का प्रतिहास करते हैं।
वैसे जब से चैनल की बाढ़ आ गई है उदबिलाव और उदघोषक में
बहुत कम अंतर रह गया है। इन कार्यक्रमों में 'हास' के साथ साथ
'घास' भी परोसी जाती है।

आइये एक हास्य गीत सुना जाये फिल्म 'साधु और शैतान' से।
ये फिल्म महमूद ने बनाई थी। गीत में हिंदी सिने जगत के दो
महान कलाकार किशोर कुमार और महमूद नज़र आयेंगे। जो
सहजता इस दृश्य में मौजूद है वो आजकल के हास्य कलाकारों
के लिए शायद दूर की कौड़ी है। कुच्छ कलाकार ज़रूर हैं जो
स्वाभाविक अभिनय कर पाते हैं उसमे से अधिकतर स्टेज से जुड़े
हुए हैं।

गीत एक ड्रीम सीक्वेंस है इस फिल्म में जिसमे हीरो ख्यालों में खो
खोजाता है। गीत के साथ जो ख़ास बात है वो बता दूं इस फिल्म के
गीतों का फिल्मांकन प्रख्यात कोरेओग्राफर चिन्नी प्रकाश ने किया
है । इनके निर्देशित किये कुछ गीतों का मैं भी कायल हूँ। गीत लिखा
है राजेंद्र कृष्ण ने और इसकी धुन बनाई है लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल
ने। नृत्य करने वाली अभिनेत्री का नाम भारती है जो महमूद के ही
साथ कुछ फिल्मों में दिखाई दीं हैं।



गीत के बोल:

चुनिया किधर है री तू
मेरे दिल की रानी
मेरे नवाबों की नानी
आ गया हूँ मई
देख ले मैं आ गया पैर मिशन ले को

महबूबा महबूबा बना ल्यो मीजे दूल्हा
जला देयो मेरा चूल्हा

महबूबा महबूबा बना ल्यो मीजे दूल्हा
जला देयो मेरा चूल्हा

चारमीनार छोड़ा
बेच को तांगा घोडा
आया मई दौड़ा दौड़ा
खा भी लेयो राम थोडा

महबूबा महबूबा बना ल्यो मीजे दूल्हा
जला देयो मेरा चूल्हा

महबूबा महबूबा बना ल्यो मीजे दूल्हा
जला देयो मेरा चूल्हा

धत तेरे गेसू
उफ़ तेरी अन्ख्याँ
हाय तेरी बातां
पी जाऊं घोल को
उफ़ तेरी मस्ती
उफ़ तेरा जलवा
मर गा मर गा मई
बिका बिना मोल को
बिका बिना मोल को

अब के जो मूंह को मोड़ा
अब के जो दिल को तोडा
अम्मा की कसम खा को
खा लूँगा ज़हर थोडा

महबूबा महबूबा बना ल्यो मीजे दूल्हा
जला देयो मेरा चूल्हा

महबूबा महबूबा बना ल्यो मीजे दूल्हा
जला देयो मेरा चूल्हा

आ हा हा हा
क्या अच्छी लग रही तुमे
जो ऊपर कौन सा डांस मास्टर आ गया
किस से सीख लिया तुमे
दांता क्या दिखा रही
अरे नज़दीक आओ जी
नखरा कर रही
लपक लूँगा
ना तुम्ही आतैं
ना हमको बुलातीं
अजी जी को जलातैं
झपक लूँगा देखना
ऐसा क्यों करतैं
जुल्म क्यूँ ढातैं
क्या नखरे दिखातैं
झपक लूँगा देखना
झपक लूँगा देखना
कई के ये लटकान कई के ये झटकान
कई के ये मटकान
कर लेयो दिल चौड़ा


महबूबा महबूबा बना ल्यो मीजे दूल्हा
जला देयो मेरा चूल्हा
महबूबा महबूबा बना ल्यो मीजे दूल्हा
जला देयो मेरा चूल्हा

चारमीनार छोड़ा
बेच को तांगा घोडा
आया मई दौड़ा दौड़ा
खा भी लेयो राम थोडा

महबूबा महबूबा बना ल्यो मीजे दूल्हा
जला देयो मेरा चूल्हा

चूल्हा जला दो जी
अजी घासलेट डाल को फूँक डालो ना
नीचे से माचिस की काड़ी लाऊं क्या
अपने हाथ से खाना बना को मुझे खिलाओ ना
अरे मेरी रानी
अरे चुनिया
अरे कहाँ जा रही तू
अरे केकड़ी अरे माटी मिली
वापस आ, पलट
पलट पलट पलट पलट
पलट पलट पलट पलट
..............................................................
Mehbooba mehbooba bana lyo-Sadhu aur shaitan 1968

Artists: Mehmood, Bharti

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