बेक़रार दिल तू गाये जा-दूर का राही १९७१
आइये अब उनका एक गीत भी सुन लेते हैं। ये उनके द्वारा
बनाई गई फिल्म 'दूर का राही' से है। इसे लिखा है ए. इरशाद
नाम के गीतकार ने और धुन बनाई है स्वयं किशोर कुमार ने।
इस गीत में किशोर का साथ दिया अभिनेत्री सुलक्षणा पंडित ने
जिन्होंने एक डबिंग आर्टिस्ट की तरह काफी समय हिंदी फिल्म
संगीत क्षेत्र को अपनी सेवाएँ दीं। उसके बाद उन्होंने पार्श्वगायन
भी किया और कुछ अच्छे गीत भी उनके हिस्से में आये।
फिलहाल इस गीत में वो तनूजा के लिए पार्श्वगायन कर रही हैं।
प्यानो की ध्वनि मेसमेरायिज़ करती हुई सी प्रतीत होती है।
गीत फिल्माया गया है अशोक कुमार पर। अशोक कुमार भी
किशोर की आवाज़ के दीवानों में से एक थे। गीत पूरा सुनिए
ये एक सन्देश देता है। नैराश्य के भंवर में उलझे हुओं को एक
बार अवश्य सुनना चाहिए।
गीत के बोल:
बेक़रार दिल, तू गाये जा
खुशियों से भरे वो तराने
जिन्हें सुन के दुनिया झूम उठे
और झूम उठे दिल दीवाने
बेक़रार दिल, अरे तू गाये जा
राग हो कोई मिलन का,
सुख से भरी सरगम का
युग-युग के बंधन का,
साथ हो लाखों जनम का
ऐसे ही बहारें गाती रहें,
और सजते रहे वीराने
जिन्हें सुन के दुनिया झूम उठे
और झूम उठे दिल दीवाने
बेक़रार दिल, तू गाये जा
खुशियों से भरे वो तराने
जिन्हें सुन के दुनिया झूम उठे
और झूम उठे दिल दीवाने
बेक़रार दिल, तू गाये जा
रात यूँ ही थम जायेगी,
रुत ये हंसीं मुस्काएगी
बंधी कली खिल जायेगी,
और शबनम शरमायेगी
प्यार के हों ऐसे नगमे,
जो बन जायें अफ़साने
जिन्हें सुन के दुनिया झूम उठे
और झूम उठे दिल दीवाने
बेक़रार दिल, तू गाये जा
दर्द में डूबी धुन हो,
सीने में इक सुलगन हो
सांसों में हलकी चुभन हो,
सहमी हुई धड़कन हो
दोहराते रहें बस गीत नये,
दुनिया से रहें बेगाने
जिन्हें सुन के दुनिया झूम उठे
और झूम उठे दिल दीवाने
बेक़रार दिल, तू गाये जा
खुशियों से भरे वो तराने
जिन्हें सुन के दुनिया झूम उठे
और झूम उठे दिल......
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