अंग से अंग लगा ले सांसों में है तूफान-ऐलान १९७१
चले कि निर्देशक ने क्या करवा लिया-अब ये अच्छी एक्टिंग
भी हो सकती है, कुछ ऐसा भी हो सकता है जो कलाकार को
पसंद न हो. गीतकार की ये विशेषता है कि वो लेखनी से ऐसा
कुछ कहे जो देर से समझ आये, जोर का झटका धीरे वाले अंदाज़
में. संगीतकार की खूबी है एओ ऐसी धुन बनाये के सुनने वाला
असमंजस में पड जाए कि या सामान्य गाना है या कुछ तूफ़ान
सा लाने वाला.
लता मंगेशकर के बारे में कहा जाता रहा कि वे गाना किस नायिका
पर फिल्माया जाना है ये पता करतीं और उस नायिका के अनुरूप
गीत में भाव लाने का प्रयास करतीं. गीत के बोल को लेकर वे
सतर्क रहतीं. शायद गीत के फिल्मांकन पर वे कम गौर किया
करतीं, ऐसा मेरा सोचना है. इस गीत को देख कर तो कम से
कम यही अनुमान होता है. हालांकि गीत बहुत खूबसूरत है और
शायद इसे सुन कर उनकी समकालीन गायिका के गाने का अंदाज़
याद आ जाए जिन्हें ऐसे गीतों का सिद्धहस्त कहा जाता है.
गीत साहब लाजवाब है और इसमें रेखा ने सारी आइटम गर्ल्स को
निरुत्तर कर दिया है. रेखा की बॉडी लैंग्वेज सारी अभिनेत्रियों से अलग
थी और उनकी समकालीन अभिनेत्रियां वो जादुई प्रभाव लाने के
लिए संघर्षरत दिखीं. फिल्म पिट गयी इसलिए गीत भी कहीं खो सा
गया. वो तो भला हो शंकर जयकिशन भक्तों का, जिनकी फरमाईशों
की वजह से इसे आकाशवाणी पर सुनते रहे इतने सालों से.
अब आप आश्चर्य तो ज़रूर करेंगे इस गीत को हसरत जयपुरी साहब
ने लिखा है जो असल जिंदगी में बहुत ही सीधे साधे और सरल प्रकृति
के इंसान थे. हिंदी फिल्मों के अधिकांश सफल रोमांटिक गीत लिखने
का श्रेय उन्हीं को जाता है.
मैंने इस गीत को बड़े परदे पर देखा है और इसे देखने में मेरी गर्दन
दर्द करने लगी थी, आँखों का तो हाल ही मत पूछिए.
गीत के बोल:
अंग से अंग लगा ले सांसों में है तूफान
अंग से अंग लगा ले सांसों में है तूफान
जलने लगी है काया जलने लगी है जान
जलने लगी है काया जलने लगी है जान
हो, अंग से अंग लगा ले सांसों में है तूफान
जलने लगी है काया जलने लगी है जान
जलने लगी है काया जलने लगी है जान
हो, अंग से अंग लगा ले सांसों में है तूफान
प्रेम तेरा एक बिछुआ ज़हर चढ़े घबराऊँ
प्रेम तेरा एक बिछुआ ज़हर चढ़े घबराऊँ
घायल हूँ मैं तेरी नागिन सी बल खाऊँ
हो ओ घायल हूँ मैं तेरी नागिन सी बल खाऊँ
प्रेम का रोग निराला कैसे तुझे समझाऊँ
तेरे लिए निर्मोही देख न मर जाऊं
तेरे लिए निर्मोही देख न मर जाऊं
हो ओ अंग से अंग लगा ले सांसों में है तूफान
जलने लगी है काया जलने लगी है जान
हो ओ अंग से अंग लगा ले सांसों में है तूफान
प्रेम सुधा बरसा दे मन के कमल खिल जाएँ
प्रेम सुधा बरसा दे मन के कमल खिल जाएँ
मैं हूँ जनम की प्यासी प्यास मोरी मिट जाए
हो ओ ओ मैं हूँ जनम की प्यासी प्यास मोरी मिट जाए
पास जो तेरे आऊँ तू भी मोहे तरसाए
जाने फिर ऐसी रैना जीवन में कब आये
जाने फिर ऐसी रैना जीवन में कब आये
हो ओ अंग से अंग लगा ले सांसों में है तूफान
जलने लगी है काया जलने लगी है जान
जलने लगी है काया जलने लगी है जान
हो ओ अंग से अंग लगा ले सांसों में है तूफान
अंग से अंग लगा ले सांसों में है तूफान
साँसों में है तूफ़ान
साँसों में है तूफ़ान
साँसों में है तूफ़ान
………………………………………………….
Ang se ang laga le-Elaan 1971
0 comments:
Post a Comment