छोटी सी ये दुनिया २-रंगोली १९६२
अपने समय के साथ इकट्ठे किये अनुभवों के आधार पर
कोई भी सयाना व्यक्ति ये कह सकता है. इस गीत के किशोर
वाले वर्ज़न के समय भी हमने ये बात की थी.
विज्ञान में न्यूटन के तीसरे नियम से समझ लें या आध्यात्म
के हिसाब से, की गईं या संप्रेषित क्रियाएँ बूमरेंग की तरह वापस
लौटती हैं. बूमरेंग का आकार और रूप अलग हो सकता है. यही
बात विचारों और ध्वनि पर भी लागू है. आप हवा में बुरे विचार
या अपशब्द छोड़ेंगे तो प्रत्युत्तर में आपको किसी न किसी रूप में
वो सब वापस मिलेगा मूल रूप में या सूद समेत. अच्छा करेंगे तो
अच्छा मिलेगा, बुरा करेंगे तो बुरा मिलेगा. मिलेगा ज़रूर.
सुनते हैं लता का गाया और वैजयंतीमाला पर फिल्माया गया ये
कर्णप्रिय गीत. किशोर वाला वर्ज़न तटस्थ किस्म का है और ये
वर्ज़न थोडा दुखी सा.
गीत के बोल:
छोटी सी ये दुनिया पहचाने रास्ते हैं
तुम कहीं तो मिलोगे कभी तो मिलोगे
तो पूछेंगे हाल
छोटी सी ये दुनिया पहचाने रास्ते हैं
तुम कहीं तो मिलोगे कभी तो मिलोगे
तो पूछेंगे हाल
छोटी सी ये दुनिया
सीखा नहीं हमारे दिल ने प्यार में धीरज खोना
आग में जल के भी जो निखरे वही है सच्चा सोना
हाँ वही है सच्चा सोना
छोटी सी ये दुनिया पहचाने रास्ते हैं
तुम कहीं तो मिलोगे कभी तो मिलोगे
तो पूछेंगे हाल
छोटी सी ये दुनिया पहचाने रास्ते हैं
तुम कहीं तो मिलोगे कभी तो मिलोगे
तो पूछेंगे हाल
छोटी सी ये दुनिया
मेरा पहला प्यार और आखिरी भी इस जीवन का
एक बार होता है जग में रिश्ता मन से मन का
हाँ रिश्ता मन से मन का
छोटी सी ये दुनिया पहचाने रास्ते हैं
तुम कहीं तो मिलोगे कभी तो मिलोगे
छोटी सी ये दुनिया पहचाने रास्ते हैं
तुम कहीं तो मिलोगे कभी तो मिलोगे
तो पूछेंगे हाल
तो पूछेंगे हाल
छोटी सी ये दुनिया
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Chhoti si ye duniya(Lata)-Rangoli 1962
Artist: Vaijayantimala