ता रा रा रा रम-दास्तान १९५०
'ता रा रा रा रम' रेडियो सीलोन पर बहुत सुना है। पाश्चात्य
धुन और नृत्य के स्वाद वाला गीत सुनाई देता रहा जगह जगह
मगर दिखाई दिया विडियो जगत में क्रांति के बाद। राज कपूर
की फ़िल्में जिसमे वे केवल नायक हैं आसानी से देखने के लिए
उपलब्ध नहीं थीं । सी डी, डी वी डी आने के बाद अधिकांश चलचित्र
जनता की पहुँच में आ गए।
शकील बदायूनी ने ये गीत किस चीज़ से प्रेरित हो के लिखा है अभी
तक उसका मूल स्त्रोत ज्ञात नहीं है। जब से मैंने यू ट्यूब पर
दूसरी भाषा के गीत सुनना शुरू किया है तबसे मुझे हर धुन किसी
हिन्दी फ़िल्म गीत से मिलती जुलती सुनाई देती है। (हिन्दी के तो
इतने सुन चुका कि बॉलीवुड में अगर गीत सुनने का कोई पुरस्कार
हो तो उसका प्रबल दावेदारों में से एक मेरा नाम जरूर होगा)
गाने के बोल:
ता रा री आ रा री आ रा री
ता रा री आ रा री आ रा री
ये सावन रुत तुम और हम
त र र र रम, त र र र रम
त रम पम, त रम पम, त र रम पम
ता रा री आ रा री आ रा री
ता रा री आ रा री आ रा री
दिल नाचे रे छम-छम-छम
त र र र रम, त र र र रम
त रम पम, त रम पम, त र रम पम
आँखों में तुम ले के प्यार आ गये
गुलशन में बन कर बहार आ गये
देखो वो कलियों को आई हँसी
बादल की छाया में नाचे ख़ुशी
तू है तो फिर क्या है ग़म
त र र र रम, त र र र रम, त रम पम
त रम पम, त र रम पम
कहता है मेरा दिल चलिये वहाँ
हर दिन हो सावन ही सावन जहाँ
हम-तुम हों रिमझिम का इक साज़ हो
बस तेरी और मेरी आवाज़ हो
गायें मिल-मिल के हरदम
त र र र रम, त र र र रम, त रम पम
त रम पम, त र रम पम
त र री, आ र री, आ र री
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Ta ra ra ra ram-Dastaan 1950
Artists: Raj Kapoor, Suraiya
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