Apr 6, 2009

तुझको पुकारे मेरा प्यार-नीलकमल १९६८

एक दिन मैं एक वेब साईट के फिल्मी सूची वाले पन्ने का संपादन
करते समय आश्चर्यचकित रह गया, यह देख कर, कि एक कलाकार
का नाम सूची में से गायब है -राजकुमार । राज कुमार के अक्खड़
स्वभाव के चलते उनसे फ़िल्म जगत के अधिकांश कलाकार बिदकते थे।
कलाकार सभी प्रकार के मिल जायेंगे आपको फ़िल्म जगत में।
नकचढ़े , मुंहलगे, घमंडी, पाखंडी, धूर्त सभी किस्में पाई जाती हैं।
इसके अलावा कई कलाकार विनम्र, अनुशासित, शालीन भी मिलेंगे।

अब ऐसी स्तिथि में आप किस किस को अपनी सूची में से हटायेंगे ?
आपको कोई पसंद नहीं है इसका अर्थ ये नहीं कि उसको भुला दिया जाए।
ये तो बाकी के पाठकों के साथ नाइंसाफी ही होगी। एक व्यक्ति विशेष की
पसंद नापसंद देखने लगे तो इस संसार की तरीके से सफाई करनी पड़
जाएगी। जीवन के सभी रंगों की भांति मनुष्य भी किस्म किस्म के हैं.

आइये अब गीत के बारे में बात की जाए।

फ़िल्म नीलकमल एक पूर्वजन्म और भटकती आत्मा की कहानी पर
आधारित फ़िल्म है। इसमे एक कलाकार की आत्मा भटक रही है जो
अपने पूर्वजन्म की प्रेमिका को अपनी ओर खींचने की कोशिश में लगा है।

उस कलाकार को दीवार में चुनवा दिया जाता है-उसका कसूर-उसने
राजकुमारी से प्रेम करने का दुस्साहस किया। चुनवाई के दौरान वो एक
गीत गाता है-'तुझको पुकारे मेरा प्यार' । नीलकमल फ़िल्म मैंने आज से
करीब ३० साल पहले देखी थी। ये गीत मुझे भुलाये नहीं भूलता। उस
दीवार में चुनवाने के दृश्य ने मुझे काफ़ी विचलित किया था। आज भी जब
वो दृश्य या गीत कभी याद आ जाता है तो रोंगटे खड़े करता है। ये गीत
साहिर लुधियानवी का लिखा हुआ है और इसकी धुन बनाई है संगीतकार
रविशंकर शर्मा उर्फ़ रवि ने ।



गीत के बोल:

आ जा, आ जा, आ जा
आ, आ जा, आ जा, आ जा

तुझको पुकारे मेरा प्यार
तुझको पुकारे मेरा प्यार
आ जा, मैं तो मिटा हूँ तेरी चाह में
तुझको पुकारे मेरा प्यार

आखरी पल है आखरी आहें तुझे ढूंढ रही है
डूबती साँसें बुझती निगाहें तुझे ढूंढ रही है
सामने आजा एक बार
आ जा, मैं तो मिटा हूँ तेरी चाह में

तुझको पुकारे मेरा प्यार

दोनों जहाँ की भेंट चड़ा दी मैंने चाह में तेरी
अपने बदन की ख़ाक मिला दी मैंने राह में तेरी
अब तो चली आ इस पार
आ जा, मैं तो मिटा हूँ तेरी चाह में
तुझको पुकारे मेरा प्यार

इतने युगों तक इतने दुखों को कोई सह न सकेगा
तेरी कसम है तू है किसी की कोई कह न सकेगा
मुझसे है तेरा इकरार
आ जा, मैं तो मिटा हूँ तेरी चाह में
तुझको पुकारे मेरा प्यार

तेरी नज़र कि ओस पड़े तो बुझे प्यास मिलन की
तेरी बदन कि ओट मिटे तो रहे लाज लगन की
मिल जाए चैन करार
आ जा, मैं तो मिटा हूँ तेरी चाह में
तुझको पुकारे मेरा प्यार
तुझको पुकारे मेरा प्यार
......................................................................
Tujhko pukare mera pyar-Neelkamal 1968

Artists: Rajkumar, Waheeda Rehman

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