मेरे पैरों में घुँघरू-संघर्ष १९६८
लोकप्रिय गीत। गीत लिखा है शकील बदायूनी ने और इसकी
धुन के जिम्मेदार हैं नौशाद। इस गीत में बहुत से लोगों को
रोज़गार मुहैया कराया होगा। तकरीबन २००-३०० कलाकार
इसमें नाचते दिखाई दे रहे हैं। भव्य पैमाने पर फिल्माया गया ये
गीत अपने ज़माने का एक हिट गीत है।
शकील के बोल हैं और नौशाद का संगीत। गायक को आप पहचान
ही लेंगे ऐसा हमारा अनुमान है ।
गीत के बोल:
दिल पाया अलबेला मैंने
तबियत मेरी रंगीली, हाय
आज ख़ुशी में मैंने भैया
थोड़ी सी भंग पी ली
हा हा हा हा हा हा
हाय, मेरे पैरों में, हाय
मेरे पैरों में घुँघरू बंधा दे
तो फिर मेरी चाल देख ले
मेरे पैरों में घुँघरू बंधा दे
तो फिर मेरी चाल देख ले
ज़रा जम के भैया
मोहे लाली चुनर,
मोहे लाली चुनरिया ओढा दे
तो फिर मेरी चाल देख ले
मेरे पैरों में
घुँघरू बंधा दे
तो फिर मेरी चाल देख ले
क्या चाल है तोरी
ज़रा झूम ले गोरी
हाय डोले किसी की नथनी झूमे किसी का झुमका
हर पारी दिल थाम ले अपना ऐसा लगाऊं ठुमका
कैसे भला.. ,ऐसे
धुन्क चिकक त्रुका चिकक ...
जब हो किसी की ब्याह सगाई
मेरी जवानी ले अंगडाई
मेरी जवानी ले अंगडाई
कोई मेरी, हाय हाय
कोई मेरी भी शादी करा दे
तो फिर मेरी चाल देख ले
मेरे पैरों में
घुँघरू बंधा दे
तो फिर मेरी चाल देख ले
कोई घूंघट वाली मेरे दिल पे चलाये छुरियाँ
कोई नैनो वाली छोड़े नैनो से फुलझड़ियाँ
रूप है लाखों और इक दिल है
आपे में रहना भी मुश्किल है
आपे में रहना भी मुश्किल है
कोई अंखियों, हाय हाय
कोई अंखियों से दारु पिला दे
तो फिर मेरी चाल देख ले
ज़रा नैन मिला के
ज़रा दिल लगा के
एक नज़र से दिल भरमाये दूजी से ले जाए
तीखी नज़र तू ऐसी मारे जो देखे लुट जाए
सारी दुनिया तुझ पे दीवानी
मैं भी तो देखूं तेरी जवानी
मैं भी तो देखूं तेरी जवानी
ज़रा मुखड़े, होए होए
ज़रा मुखड़े से घुंघटा हटा दे
तो फिर मेरी चाल देख ले
मोहे लाली चुनर,
मोहे लाली चुनरिया ओढा दे
तो फिर मेरी चाल देख ले
मेरे पैरों में
घुँघरू बंधा दे
तो फिर मेरी चाल देख ले
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Mere pairon mein ghunghroo bandha de-Sangharsh 1968
Artist: Dilip Kumar
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