Aug 6, 2009

एक ज्योति चिता से जलाकर-बन्धु 1992

आशा भोंसले के गीत १९९० के बाद कम सुनने को मिले।
कुछ ऐसे गाने आए जो फ़िल्म के नाम के साथ साथ गायब हो गए।

ऐसी ही एक फ़िल्म है-बन्धु जिसमे डैनी एक कलाकार हैं, फरीदा जलाल
दूसरा जाना पहचाना नाम। बाकी के सभी कलाकार नए हैं। इस फ़िल्म में
रंजीत गैज्मर ने संगीत दिया है। फ़िल्म का सबसे कर्णप्रिय गाना है-
'एक ज्योति चिता से जलाकर' जिसको आशा ने गया है। ये एक
दर्दभरा नगमा है । अभिनेत्री गीतांजली हैं इस गाने में ।



इसके बोल इस प्रकार हैं:

इक ज्योति चिता से जलाकर
जीवन में लायी हूँ

इसकी ही रौशनी से
आशा लगायी हूँ।

इक ज्योति ............

मेरी चूडियाँ टूटीं
सिन्दूर मिट गया
विधाता ये क्या किया
मेरा घर उजाड़ गया

कल साथ जो मेरे थे
राख उनकी लायी हूँ

इक ज्योति चिता से जलाकर
जीवन में लायी हूँ

इक ज्योति ........

तकदीर ने किस जनम का
है बदला ये लिया
मेरे सुहाग को मुझसे
पहले जुदा किया

इक ज्योति चिता से जलाकर
जीवन में लायी हूँ

इक ज्योति ........

समय के पत्थर दिल पर
न बनती रहम कि लकीरें
दुःख कि मजार पर
नहीं बनते कभी घरोंदे

जो रतन दिया है तुमने
आंचल में छुपायी हूँ

इक ज्योति चिता से जलाकर
जीवन में लायी हूँ

इसकी ही रौशनी से
आशा लगायी हूँ।

इक ज्योति ........

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