प्रेम नगर में बनाऊँगी घर-चंडीदास १९३४
शुरुआती दौर की बोलती हिन्दी फिल्मों में से एक है चंडीदास जो कि
सन १९३४ में रिलीज़ हुई थी, इसमे सहगल के गाये कई गीत हैं।
यह गीत कुंदनलाल सहगल के साथ उमा शशि नाम की गायिका का
गाया हुआ है। गीत लिखा है आगा हश्र कश्मीरी ने और संगीतबद्ध किया
है राय चंद्र बोराल ने जिन्हें हम आर. सी. बोराल के नाम से भी जानते हैं।
गीत की खूबी ये है कि इसमें प्रेम शब्द लगभग हर पंक्ति में एक बार आया
है और ये अपने ज़माने का प्रसिद्ध गीत रहा है। हिन्दी फ़िल्म संगीत के
शुरुआती दौर के पहले कुछ युगल गीतों में से एक है ये।
गाने के बोल:
प्रेम नगर में बनाऊँगी घर मैं
तज के घर संसार
प्रेम नगर में बनाऊँगी घर मैं
तज के घर संसार
प्रेम का आंगन, प्रेम की छत और
प्रेम के होंगे द्वार
प्रेम का आंगन, प्रेम की छत और
प्रेम के होंगे द्वार
प्रेम नगर में बनाऊँगी घर मैं
तज के घर संसार
प्रेम सखा हो प्रेम पड़ोसी
प्रेम में सुख का सार
प्रेम में सुख का सार
प्रेम सखा हो प्रेम पड़ोसी
प्रेम में सुख का सार
प्रेम में सुख का सार
प्रेम के संग बिताएंगे जीवन
प्रेम के संग बिताएंगे जीवन
प्रेम ही प्राणाधार
प्रेम के संग बिताएंगे जीवन
प्रेम के संग बिताएंगे जीवन
प्रेम ही प्राणाधार
प्रेम सुधा से स्नान करूंगी
प्रेम से होगा सिंगार
प्रेम से होगा सिंगार
प्रेम सुधा से स्नान करूंगी
प्रेम से होगा सिंगार
प्रेम से होगा सिंगार
प्रेम ही कर्म है, प्रेम ही धर्म है
प्रेम ही सत्य विचार
प्रेम ही सत्य विचार
प्रेम ही कर्म है प्रेम ही धर्म है
प्रेम ही सत् विचार
प्रेम ही सत्य विचार
प्रेम नगर में बनाऊँगी घर मैं
तज के घर संसार
प्रेम नगर में बनाऊँगी घर मैं
तज के घर संसार
प्रेम का आंगन, प्रेम की छत और
प्रेम के होंगे द्वार
प्रेम का आंगन, प्रेम की छत और
प्रेम के होंगे द्वार
प्रेम नगर में बनाऊँगी घर मैं
तज के घर संसार
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Premnagar mein banaoongi ghar-Chandidas 1934
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