मिलते ही ऑंखें दिल हुआ दीवाना-बाबुल १९५०
बहुत कम श्रोता ऐसे हैं जो बचपन से ही नौशाद, तलत महमूद और
शमशाद बेगम के नाम पहचानते हों । मेरी आदत रही शुरू से कि मैं
गायक, गायिका, गीतकार और संगीतकार का नाम याद रखने की
कोशिश करता रहा । रेडियो सीलोन और विविध भरती का योगदान
बहुत रहा इस गाने को बजाकर श्रोताओं को रटाने में । गाना
इतना स्पष्ट और तरीके से गाया गया है कि आप भी २-३ बार
सुनकर इसको याद कर सकते हैं। ये सन १९५० का एक हिट युगल
गीत है। बाबुल फ़िल्म के सारे गाने लोकप्रिय थे। इसके बोल लिखे
हैं नौशाद के जोड़ीदार शकील बदायूनी ने। गाने पे होंठ हिलाए हैं
दिलीप कुमार ने।
गाने के बोल :
मिलते ही ऑंखें दिल हुआ दीवाना किसी का
मिलते ही ऑंखें दिल हुआ दीवाना किसी का
अफसाना मेरा बन गया अफसाना किसी का
अफसाना मेरा बन गया अफसाना किसी का
पूछो न मोहब्बत का असर , हाय न पूछो
हाय न पूछो
पूछो न मोहब्बत का असर, हाय न पूछो
हाय न पूछो
दम भर में कोई हो गया परवाना किसी का
दम भर में कोई हो गया परवाना किसी का
अफसाना मेरा बन गया अफसाना किसी का
मिलते ही ऑंखें दिल हुआ दीवाना किसी का
हँसते ही न आ जाए कहीं आँखों में आंसू
आँखों में आंसू
हँसते ही न आ जाए कहीं आँखों में आंसू
आँखों में आंसू
भरते ही छलक जाए न पैमाना किसी का
भरते ही छलक जाए न पैमाना किसी का
अफसाना मेरा बन गया अफसाना किसी का
मिलते ही ऑंखें दिल हुआ दीवाना किसी का
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