चिट्ठी आई है -नाम १९८९
अमर गीत दिए हैं फ़िल्म जगत को। ये उनमे से एक है। ८० के दशक
में गज़लों की बहार आई हुई थी, जिसको देखो वही ग़ज़ल गाया करता
था। एक क्रेज़े जैसा था उन दिनों में। पंकज उधास बहुत चर्चित नाम
रहा ८० के दशक में। ग़ज़ल संजीदा शौकीनों के ड्राइंग रूम से निकल
कर ऑटो रिक्शा होटल और ढाबे पर भी बजने लगी। इसका श्री बहुत
हद तक पंकज उधास को जाता है। ये उन गीतों में से एक है जिसने
देश के बाहर ज्यादा धूम मचाई। इसलिए इसको सदाबहार अमर गीत
कहा जाता है। इसकी धुन बनाई है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गाया है
पंकज उधास ने।
गाने के बोल:
चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है
चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है
चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आई है
बड़े दिनों के बाद, हम बेवतनों को याद
बड़े दिनों के बाद, हम बेवतनों को याद
वतन की मिटटी आई है
चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है
चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आई है
ऊपर मेरा नाम लिखा है, अन्दर ये पैगाम लिखा है
ओ परदेस को जाने वाले, लौट के फिर ना आने वाले
सात समंदर पार गाया तू, हमको ज़िंदा मार गाया तू
खून के रिश्ते तोड़ गाया तू, आँख में आंसू छोड़ गाया तू
कम खाते हैं कम सोते हैं, बहुत ज़्यादा हम रोते हैं,
चिट्ठी आई है
चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है
चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आई है
सूनी हो गयीं शहर की गलियाँ, कांटे बन गयीं बाग़ की कलियाँ
कहते हैं सावन के झूले, भूल गाया तू हम नहीं भूले
तेरे बिन जब आई दीवाली, दीप नहीं दिल जले है खाली
तेरे बिन जब आई होली, पिचकारी से छूती गोली
पीपल सूना पनघट सूना घर शमशान का बना नमूना
फसल कटी आई बैसाखी, तेरा आना रह गाया बाकी,
चिट्ठी आई है
चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है
चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आई है
पहले जब तू ख़त लिखता था कागज़ में चेहरा दिखता था
बंद हुआ ये मेल भी अब तो, ख़त्म हुआ ये खेल भी अब तो
डोली में जब बैठी बहना, रास्ता देख रहे थे नैना
मैं तो बाप हूँ मेरा क्या है, तेरी मान का हाल बुरा है
तेरी बीवी करती है सेवा, सूरत से लगती है बेवा
तूने पैसा बहुत कमाया, इस पैसे ने देश छुड़ाया
देश पराया छोड़ के आजा पंछी पिंजरा तोड़ के आजा,
देश पराया छोड़ के आजा पंछी पिंजरा तोड़ के आजा,
आजा उमर बहुत है छोटी, अपने घर में भी है रोटी,
चिट्ठी आई है
चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है
बड़े दिनों के बाद, हम बेवतनों को याद
वतन की मिटटी आई है
चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है
चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आई है
बड़े दिनों के बाद, हम बेवतनों को याद
वतन की मिटटी आई है
चिट्ठी आई है आई है चिट्ठी आई है
चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आई है
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Chitthi aayi hai-Naam 1989
Artist: Sanjay Dutt
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Amazing
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