Dec 13, 2009

बहुत हसीं हैं तुम्हारी ऑंखें-आधी रात के बाद १९६५

जैसा कि पहले बताया जा चुका है और आगे भी दोहराया
जायेगा कि कई फिल्मकारों के नाम आपने नहीं सुने हैं और
ये वो कारीगर हैं फिल्म उद्योग के जिनको प्रसिद्धि नहीं
मिली लेकिन वो दूसरे कलाकारों को रोज़गार मुहैया कराते रहे।
ऐसा ही एक नाम है नानाभाई भट्ट का, जिन्होंने कई फ़िल्में
बनायीं। १९४२ की फिल्म 'मुकाबला' से शुरू हुआ उनका सफ़र
लम्बा चला। 'मुकाबला' में आगा और 'फियरलेस नाडिया' प्रमुख
हीरो हिरोइन थे ।

उन्होंने कई कलाकारों को अपने जीवन में मौका दिया। ऐसी ही एक
फिल्म है 'आधी रात के बाद' जिसमे शैलेश कुमार नाम के युवक
अभिनेता हैं। अशोक कुमार और रागिनी इस फिल्म के जाने पहचाने
नाम हैं। इस गीत में अभिनेत्री रागिनी का चेहरा बजाज ऑटो रिक्शा
जैसा दिखाई दे रहा है उनके अनूठे केश-विन्यास की वजह से।

जैसा कि होता आया है फिल्म ना चले तो उसको जनता
बी ग्रेड फिल्म का दर्ज़ा प्रदान कर देती है, वैसा ही इस फिल्म
के साथ भी हुआ। ये एक सस्पेंस थ्रिलर फिल्म थी और उस समय
इस तरह कि फ़िल्में ज्यादा पसंद नहीं कि जाती थीं। फ़िल्मकार ने
ऐसी फिल्म बनाई इसका श्रेय उसको अवश्य मिलना चाहिए।

ये जो गीत है फिल्म का, ये एक मधुर गीत है जो कभी कभार
सुनाई दे जाता है। प्रेम धवन के लिखे गीत को स्वरबद्ध किया है
चित्रगुप्त ने और इसको सुमन कल्याणपुर एवं रफ़ी ने गाया है।
नानाभाई भट्ट की कई फिल्मों में संगीत चित्रगुप्त का मिलेगा आपको ।



गीत के बोल

बहुत हसीं हैं तुम्हारी आँखें
कहो तो मैं इनसे प्यार कर लूँ
बड़ा है धोखा तेरी नज़र में
मैं किस तरह ऐतबार कर लूँ

बहुत हसीं हैं तुम्हारी आँखें
कहो तो मैं इनसे प्यार कर लूँ

ये भीनी भीनी हवा की खुशबू
महक है तेरे ही तन बदन की
ये भीनी भीनी हवा की खुशबू
महक है तेरे ही तन बदन की
संभल के बोलो चटक ना जाए
कोई नवेली कली चमन की

मेरी कली तुम,
मेरी कली तुम अगर कहो तो
मैं ज़िन्दगी से बहार कर लूँ
बड़ा है धोखा तेरी नज़र में
मैं किस तरह ऐतबार कर लूँ

हज़ार बातें हैं ऐसी दिल में
जो रुक गयीं हैं ज़बान पे आ के
हज़ार बातें हैं ऐसी दिल में
जो रुक गयीं हैं ज़बान पे आ के
जो बात लैब पे मचल रही है
वो आज कह दूँ नज़र मिला के

किसी की हो के,
किसी की हो के ये चैन खो के
मैं दिल को क्यूँ बेक़रार कर लूँ
बहुत हसीं हैं तुम्हारी आँखें
कहो तो मैं इनसे प्यार कर लूँ

गिनो ना अब धडकनें हमारी
ना और लो इम्तेहान हमारा
गिनो ना अब धडकनें हमारी
ना और लो इम्तेहान हमारा
इसे ना समझो तुम आजमाईश
यही तो उल्फत का है इशारा

अगर ये सच है,
अगर ये सच है तो मरते दम तक
मैं आपका इंतज़ार कर लूँ
बड़ा है धोखा तेरी नज़र में
मैं किस तरह ऐतबार कर लूँ

बहुत हसीं हैं तुम्हारी आँखें
कहो तो मैं इनसे प्यार कर लूँ

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP