करोगे याद तो हर बात-बाज़ार १९८२
गजलों के लिए रास्ते और चौड़े किए। जिसका फल देखने को
मिला मुज़फ्फर अली निर्मित फ़िल्म उमराव जान में जिसके
सभी गीत सुपर डुपर हिट हुए। उसके बाद कई ऐसी फ़िल्में आयीं
जिनमे इक्का दुक्का ग़ज़लें शामिल की जाती रही।
१९८२ में आई फ़िल्म बाज़ार थोड़ी लीक से हट कर बनी फ़िल्म थी।
इस फ़िल्म का निर्देशन सागर सरहदी ने किया था। बाज़ार फ़िल्म
का प्रशंसक वर्ग काफ़ी बड़ा है। खय्याम के संगीत से सजी इस
फ़िल्म के गीत बहुत ही धैर्य से सुने जाते हैं आज भी। एक भूपेंद्र
का गाया गीत पेश है । गीत सुनने के बाद अजीब से बेचैनी महसूस
होती है।
गीत के बोल:
करोगे याद तो, हर बात याद आएगी
करोगे याद तो, हर बात याद आएगी
गुज़रते वक्त की, हर मौज ठहर जायेगी
गुज़रते वक्त की, हर मौज ठहर जायेगी
करोगे याद तो
बरसता भीगता मौसम धुंआ धुंआ होगा
बरसता भीगता मौसम धुंआ धुंआ होगा
पिघलती शामों पे, दिल का मेरे गुमान होगा
हथेलियों की हिना, याद कुछ दिलाएगी
हथेलियों की हिना, याद कुछ दिलाएगी
करोगे याद तो
गली के मोड़ पे, सूना सा कोई दरवाज़ा
गली के मोड़ पे, सूना सा कोई दरवाज़ा
तरसती आंखों से रास्ता किसी का देखेगा
निगाह दूर तलक जा के लौट आएगी
निगाह दूर तलक जा के लौट आएगी
करोगे याद तो, हर बात याद आएगी
गुज़रते वक्त की, हर मौज ठहर जायेगी
करोगे याद तो
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Karoge yaad to har baat-Bazaar 1982
Artists: Naseeruddin Shah
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