ना ना करते प्यार तुम्ही से-जब जब फूल खिले १९६५
रहे हैं बुढ़ापे में । बड़े बदमाश नाना हैं ये। ज्ञान चक्षु खुले तब गाने
के बोल ध्यान से सुनना शुरू किया। विज्ञापन जगत में एक वाक्यरीति
है- communication distrotion . हम भी इसीके शिकार हुए बहुत से
गीतों के मामले में। इसलिए हमने इस गीत को नाना-दादा हिट्स की श्रेणी
में डाल दिया। गीत है फिल्म 'जब जब फूल खिले' से । जब इस फिल्म को
देखने का सौभाग्य मिला तो हम, हाथ से पानी के छींटे मारने वाला और
चील कौवे उड़ाने वाले नृत्य के दीवाने हो गए। शशि कपूर जो करतब पुल
पे दिखा रहे हैं उसकी नक़ल के चक्कर में हम मुंह के बल गिरे और नाक पे
चोट लगा बैठे। कमबख्त घिसा हुआ जूते का तला धोखा दे गया। गीत लिखा
है आनंद बक्षी ने और इसकी तर्ज़ बनाई है कल्याणजी आनंदजी ने। गायक
कलाकार हैं सुमन कल्याणपुर और रफ़ी।
गीत के बोल:
ना ना करते
ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे
ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे
करना था इनकार, मगर इक़रार तुम्हीं से कर बैठे
ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे
ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर भेठे
देखो जी भरी हैं हजारों तुमने आहें
तब कहीं हमने
अच्छा
तब कहीं हमने मिलायी हैं निगाहें
तुमसे भी हसीं है तुम्हारा ये बहाना
तुमने ही तो हमको सिखाया दिल लगाना
सीखा है दिलदार, तुम्ही से कर बैठे
नो नो करते
आ हा, ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे
करना था इनकार, मगर इक़रार तुम्हीं से कर बैठे
ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे
हम को था पटा जो तुम्हारी दास्तान थी
होंठों पे तो ना थी
जा झूठे
होंठों पे तो ना थी मगर दिल में हाँ थी
कोई दिल ना देगा अनाडी अनजान को
हमने दे दिया है तो मानो एहसान को
हम भूलें इक बार, की आँखें चार तुम्हीं से कर बैठे
ना ना करते
ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे
करना था इनकार, मगर इक़रार तुम्हीं से कर बैठे
ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे
छोडो रहने भी दो ये झूठे अफ़साने
ऐसा क्या है तुम में
जा झूठी
ऐसा क्या है तुम में की हम हो दीवाने
फिर भी तुमने ख्वाबों में आना नहीं छोड़ा
तीर नज़रों से चलाना नहीं छोड़ा
ये शिकवा सरकार, हजारों बार
तुम्हीं से मोटर कार बैठे
ना ना करते
ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे
करना था इनकार, मगर इक़रार तुम्हीं से कर बैठे
ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर भेठे
ना ना करते प्यार तुम्हीं से कर बैठे
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