तुझे अपने पास बुलाती है तेरी दुनिया-पतिता १९५३
इस फिल्म में तलत महमूद के कुछ यादगार नगमे हैं। इनमे से एक
आज पेश है। ये गीत आगा नाम के कलाकार परदे पर गा रहे हैं। एक
छोटे बच्चे को हाथ में लिए चले जा रहे आगा मानो उसी से कुछ कह
रहे हों। पीछे पीछे (बच्चे की माँ के रोल में) उषा किरण चली जा रही हैं।
गीत शैलेन्द्र का लिखा हुआ है और धुन है शंकर जयकिशन की।
गीत के बोल:
तुझे अपने पास बुलाती है तेरी दुनिया
कब से बाँहें फैलाती है तेरी दुनिया
तुझे अपने पास बुलाती है तेरी दुनिया
सपने भी यहाँ बेनूर हैं
जो हैं तेरे वो तुझसे दूर हैं
इस दुनिया में तेरा कौन है
इस दुनिया में तेरा कौन है
ये सोच के घबरा जाती है तेरी दुनिया
तुझे अपने पास बुलाती है तेरी दुनिया
नज़रों से गिरा देंगे कभी
दो दिन में भुला देंगे कभी
बरसेंगे न बादल धूल के
बरसेंगे न बादल धूल के
रो रो के यही समझाती है तेरी दुनिया
तुझे अपने पास बुलाती है तेरी दुनिया
वहाँ छोटे-बड़े सब एक से
वहाँ कोई नहीं जो तुझ पे हँसे
वहाँ रिश्ते न होंगे झूठ के
वहाँ रिश्ते न होंगे झूठ के
सबको सीने से लगाती है तेरी दुनिया
तुझे अपने पास बुलाती है तेरी दुनिया
कब से बाँहें फैलाती है तेरी दुनिया
तुझे अपने पास बुलाती है तेरी दुनिया
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Tujhe apne paas bulati hai-Patita
Artist: Agha, Usha Kiran
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