मैं गाऊँ तुम सो जाओ-ब्रह्मचारी १९६८
में शम्मी कपूर का चरित्र उनकी छबि के विपरीत अलग सा है। उछल कूद
और गर्दन मटकाने वाले गीतों से जुदा गंभीर भूमिका है जिसमे नायक एक
अनाथ आश्रम के बच्चों की देखभाल करता है। काफी मर्मस्पर्शी गीत है ये
जिसे गाया है रफ़ी ने।
बोल लिखे हैं शैलेन्द्र ने और धुन तैयार की है संगीतकार शंकर जयकिशन ने।
जिस कलाकार की चोटी पकड़ के शम्मी कपूर किचन में ले जाते हैं उनका नाम
है मोहन चोटी। नायिका राजश्री हैं परदे पर जो केवल दर्शक की तरह सारी
कार्रवाई देख रही हैं। गीत में एक लड़की है जिसका नाम बेबी फ़रीदा है।
गीत के बोल:
ला ला ला रा ला रा ला ला
ला ला ला रा ला रा ला ला
मैं गाऊँ तुम सो जाओ
मैं गाऊँ तुम सो जाओ
सुख सपनो में खो जाओ
मैं गाऊँ तुम सो जाओ
मैं गाऊँ तुम सो जाओ
सुख सपनो में खो जाओ
मैं गाऊँ तुम सो जाओ
मैं गाऊँ तुम सो जाओ
माना आज की रात है लम्बी
माना दिन था भरी
माना आज की रात है लम्बी
माना दिन था भरी
पर जग बदला, बदलेगी
एक दिन तकदीर हमारी
उस दिन के ख्वाब सजाओ
मैं गाऊँ तुम सो जाओ
सुख सपनो में खो जाओ
मैं गाऊँ तुम सो जाओ
मैं गाऊँ तुम सो जाओ
कल तुम जब ऑंखें खोलोगे
जब होगा उजियारा
कल तुम जब ऑंखें खोलोगे
जब होगा उजियारा
खुशियों का संदेसा लेकर
आएगा समय हरकारा
मत आस के दीप बुझाओ
मैं गाऊँ तुम सो जाओ
सुख सपनो में खो जाओ
मैं गाऊँ तुम सो जाओ
मैं गाऊँ तुम.. सो जाओ ना
जी करता है जीते जी
मैं यूँ ही गाता जाऊं
जी करता है जीते जी
मैं यूँ ही गाता जाऊं
गर्दिश में थके हारों का
माथा सहलाता जाऊं
फिर एक दिन तुम दोहराओ
फिर एक दिन तुम दोहराओ
सुख सपनो में खो जाओ
मैं गाऊँ तुम सो जाओ
मैं गाऊँ तुम सो जाओ
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Main gaaon tum so jao-Brahmachari 1968
Artists: Shammi Kapoor, Rajshri, Baby Farida
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