सारी सारी रात तेरी याद-अजी बस शुक्रिया १९५८
नियमित रूप से सुने जाने वाले गीतों की हम बात करते
रहे हैं। ऐसा ही एक गीत है फिल्म 'अजी बस शुक्रिया' से।
हम भी इसे बजने वाले स्टेशन को बस शुक्रिया कह दिया
करते हैं बिना इसकी फिल्म के बारे में जान कर। सुरेश
और गीता बाली इस फिल्म में प्रमुख कलाकार हैं। गीत
फारूख कैसर का लिखा हुआ है जो ये बतलाता है कि वे
काफी लम्बे समय से बॉलीवुड में सक्रिय रहे हैं। रोशन ने
इसकी धुन बनाई है। गीत फिल्माया गया है गीता
बाली पर और ये एक बेहद लोकप्रिय गीत है जिसे अधिकांश
संगीतप्रेमी पहचानते हैं। गीत में याद जलाती है और
चाँद आग लगा रहा है। फ़िल्मी चाँद तरह तरह के कारनामे
करता है। गीत में अभिनेत्री ये गीत स्टूडियो में रिकॉर्ड करवा
रही है। गाते गाते वो यादों में खो जाती है।
गीत के बोल:
सारी सारी रात तेरी याद सताए
सारी सारी रात तेरी याद सताए
प्रीत जगाये हमें नींद ना आये रे
नींद ना आये
सारी सारी रात तेरी याद सताए
इक तो बालम तेरी याद जलाये
दूजे चन्दा आग लगाये
इक तो बालम तेरी याद जलाये
दूजे चन्दा आग लगाये
आग लगाये तेरी प्रीत जगाये रे
नींद ना आये
सारी सारी रात तेरी याद सताए
तेरी लगन बनी रोग सांवरिया
कैसे बीते बाली उमरिया
बाली उम्र मोरी बड़ा तड़पाये रे
बाली उम्र मोरी बड़ा तड़पाये रे
नींद ना आये
सारी सारी रात तेरी याद सताए
प्रीत लगा के हुए तुम तो पराये
प्यास जिया की कौन बुझाये
प्रीत लगा के हुए तुम तो पराये
प्यास जिया की कौन बुझाए
कौन बुझाए कोई ये समझाए रे
नींद ना आये
सारी सारी रात तेरी याद सताए
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Saari saari raat teri yaad sataye-Aji bas shukriya 1958
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