Mar 28, 2010

चने जोर गरम-बंधन १९४०

चना जोर गरम को प्रसिद्धि दिलाई फिल्म क्रांति के गीत ने। ऐसा है ?
इससे पहले भी चना जोर गरम का जिक्र हिंदी फिल्म संगीत में हुआ है।
पहले पहल १९४० कि फिल्म बंधन में एक गीत बना इस पर। गीत
लिखा है कवि प्रदीप ने और इसकी धुन बनाई है सरस्वती देवी ने।
फिल्म बंधन का एक दूसरा गीत ज्यादा प्रसिद्ध हुआ-चल चल रे नौजवान।
फिल्म बंधन के प्रमुख कलाकार हैं-अशोक कुमार और लीला चिटनिस।

ये हल्का फुल्का गीत फिल्माया गया है एक इमारत के सामने जिस पर
मिडिल स्कूल का बोर्ड लगा है। वैसे भी इस प्रकार कि वस्तुएं स्कूल के
बाहर ही ज्यादा बेचीं जाती थीं। हमारी नई पीढ़ी को शायद ही इसकी
जानकारी हो, क्यूंकि आजकल चना जोर गरम 'माल' या 'सुपर बाज़ार' के
बाहर बिकता देखा जाता है।




गीत के बोल:

चने जोर गरम बाबू मैं लाया मजेदार
चने जोर गरम
चने जोर गरम बाबू मैं लाया मजेदार
चने जोर गरम

मेरे चने हैं चटपट भैया और बड़े लासानी
और कैसे चाव से खाते देखो राम और रमजानी
और चुन्नू मुन्नू की जबान भी हो गई पानी पानी
और कहें कबीर सुनो भाई साधो सुनो गुरु की बानी

चने जोर गरम बाबू मैं लाया मजेदार
चने जोर गरम
चने जोर गरम बाबू मैं लाया मजेदार
चने जोर गरम

अरे मदरसे का जीवन तो चाँद दिनों का ठाठ
और पढ़ लिख कर सब चल दोगे अपनी अपनी बाट
फिर कोई तुममे होगा अफसर कोई गवर्नर लाट
तब मैं आऊंगा दफ्तर तुमरे लिए चने की चाट

चने जोर गरम बाबू मैं लाया मजेदार
चने जोर गरम
चने जोर गरम बाबू मैं लाया मजेदार
चने जोर गरम
................................................................
Chane zoe garam-Bandhan 1940

2 comments:

VLCC se bhagi pinki,  December 31, 2017 at 7:09 PM  

Informative post

Geetsangeet January 4, 2018 at 10:56 PM  

संतरे की खट्टी मीठी गोलियाँ और गटागट जैसी वस्तुएं भी मिला करती
थीं उस समय.

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