Mar 28, 2010

मैं तो हर मोड़ पर -चेतना १९७०

कुछ समय से आगे की फ़िल्में बनी ७० के दशक में उनमे
से एक है चेतना। अनिल धवन शत्रुघ्न सिन्हा और रेहाना सुल्तान
इसमें प्रमुख कलाकार हैं। फिल्म का निर्देशन बी आर इशारा ने
किया है। इशारा सार्थक ऑफ-बीट फ़िल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं।

फिल्म का एक गीत सुनिए गायक मुकेश की आवाज़ में जिसको
नक्श लायलपुरी ने लिखा है और धुन बनाई है सपन जगमोहन ने।
गीत ख़ासा लोकप्रिय हुआ और शायद एक आध बार आपने ज़रूर
सुना होगा।



गीत के बोल:

मैं तो हर मोड़ पर तुझको दूंगा सदा
मैं तो हर मोड़ पर तुझको दूंगा सदा
मेरी आवाज़ को, दर्द के साज़ को, तू सुने ना सुने
मैं तो हर मोड़ पर तुझको दूंगा सदा
मैं तो हर मोड़ पर तुझको दूंगा सदा

मुझे देख कर कह रहे हैं सभी
मोहब्बत का हासिल है दीवानगी
मुझे देख कर कह रहे हैं सभी
मोहब्बत का हासिल है दीवानगी
प्यार की राह में, फूल भी थे मगर,
मैंने कांटे चुने

मैं तो हर मोड़ पर तुझको दूंगा सदा
मेरी आवाज़ को, दर्द के साज़ को, तू सुने ना सुने
मैं तो हर मोड़ पर तुझको दूंगा सदा

जहाँ दिल झुका था वहीँ सर झुका
मुझे कोई सजदों से रोकेगा क्या
जहाँ दिल झुका था वहीँ सर झुका
मुझे कोई सजदों से रोकेगा क्या
काश टूटे ना वो, आरजू ने मेरी ख्वाब जो हैं बुने

मैं तो हर मोड़ पर तुझको दूंगा सदा
मेरी आवाज़ को, दर्द के साज़ को, तू सुने ना सुने
मैं तो हर मोड़ पर तुझको दूंगा सदा

मैं तो हर मोड़ पर तुझको दूंगा सदा

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