सारी खुशियाँ हैं-सुहाना सफ़र १९७०
कुछ युवतियां रोती हुई अच्छी लगी हैं तो कुछ सोती हुई। तकरीबन वही
हाल फ़िल्मी नायिकाओं का भी है। कुछ चुप अच्छी लगती हैं तो कुछ बोलती हुई।
नायिका जीप में सो रही है। नायक के गीत से या फिर नींद पूरी होने पर उठ के कुछ
गले की चैन या पर्स ढूँढने का उपक्रम करती हुई वो नायक का रुदन क्रंदन सुनने
लगती है। जितना दुखी नायक दिखता है उतनी ही खुश नायिका दिख बोल के।
नायिका के हाव भाव देख कर आपको शायद किसी नए ज़माने की नायिका याद
आ जाए... । ये कुछ चुनिन्दा फिल्मों में से है जिसमे नायक नायिका दोनों सुन्दर
दिखाई देते हैं। सुन्दर कहिये या हैण्डसम एक ही बात है न जी ?
गीत के बोल:
सारी खुशियाँ हैं मोहब्बत की ज़माने के लिए
सारी खुशियाँ हैं मोहब्बत की ज़माने के लिए
मैंने तो प्यार किया आंसू बहाने के लिए
सारी खुशियाँ हैं मोहब्बत की ज़माने के लिए
सारी खुशियाँ हैं
काश ये ज़ज्बा- ऐ-दिल काम तो आ जाता कभी
काश ये ज़ज्बा- ऐ-दिल काम तो आ जाता कभी
उनके होंठों पे मेरा नाम आ जाता कभी
याद करने से मुझे भूल ही जाने के लिए
सारी खुशियाँ हैं मोहब्बत की ज़माने के लिए
सारी खुशियाँ हैं
खूने-दिल खूने-जिगर खूने-तमन्ना के सिवा
खूने-दिल खूने-जिगर खूने-तमन्ना के सिवा
सारी दुनिया में मुझे रंग न कोई भी मिला
अपने अरमानों की तस्वीर बनाने के लिए
सारी खुशियाँ हैं मोहब्बत की ज़माने के लिए
मैंने तो प्यार किया आंसू बहाने के लिए
सारी खुशियाँ हैं मोहब्बत की ज़माने के लिए
सारी खुशियाँ हैं
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